शिमला।। प्रादेशिक सेना (TERRITORIAL ARMY) ने कुफरी तालाब का पुनरुद्धार किया है। 133 इन्फेंट्री बटालियन (टीए) इको डोगरा टीए की एक अग्रणी बटालियन है, जो हिमाचल प्रदेश राज्य में वनरोपण और पारिस्थितिकी गतिविधियों के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कर्नल मोहन सिंह कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि भारत में प्रादेशिक सेना का जन्म संबंध 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से माना जा सकता है, जब एक स्वयंसेवी बल का गठन किया गया था और 1917 में भारतीय रक्षा बल अधिनियम बनाया गया था।
प्रादेशिक सेना का औपचारिक उद्घाटन 9 अक्टूबर 1949 को प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने किया था और इस दिन को प्रादेशिक सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष प्रादेशिक सेना राष्ट्र की सेवा के 75 वर्ष पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली मना रहा है।
133 इन्फेंट्री बटालियन (टीए) इको डोगरा टीए की एक अग्रणी बटालियन है, जो हिमाचल प्रदेश राज्य में वनरोपण और पारिस्थितिकी गतिविधियों के प्रति पूरी तरह समर्पित है। प्रादेशिक सेना के प्लेटिनम जुबली समारोह के अवसर पर इस बटालियन ने कुफरी तालाब को गोद लिया था और तदनुसार 15 जुलाई से 24 सितंबर तक कुफरी तालाब का कायाकल्प किया।
कुफरी तालाब पूरी तरह से सूखा था और इसके आसपास के क्षेत्रों के बड़े नवीनीकरण कार्य की आवश्यकता थी। बटालियन ने तालाब में पानी की बहाली, वर्षा जल संचयन, आसपास के क्षेत्रों की मरम्मत और नवीनीकरण करके तालाब के कायाकल्प के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए हैं।
25 सितंबर को इस बटालियन ने कुफरी तालाब का औपचारिक उद्घाटन किया, जिसका उद्घाटन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया और राज्यपाल ने कुफरी तालाब के कायाकल्प के लिए 133 ई टी एफ तथा टी ए ग्रुप मुख्यालय पश्चिमी कमान के प्रयासों की प्रशंसा की।
ब्रिगेडियर गगनदीप सिंह, कमांडर, टी ए ग्रुप मुख्यालय पश्चिमी कमान, ब्रिगेडियर नवदीप सिंह, स्टेशन कमांडर शिमला भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इसके उपरांत कुफरी तालाब को कुफरी के जन सामान्य को समर्पित किया गया। यह कदम आगे जाकर भविष्य में जल संरक्षण के क्षेत्र में कुफरी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।