शिमला। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चे प्रभावित हो सकते है।
इस आयु वर्ग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि से ब्लैक फंगस के मामले भी पाए जा सकते है, जिसके दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय भारत सरकार द्वारा बच्चों में ब्लैक फंगस के प्रबंधन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
बच्चे राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस या गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस से पीड़ित हो सकते है।
राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षणों में चेहरे का दर्द, साइनस का दर्द, पेरिआर्बिटल सूजन, पेरेस्थेसिया, आधे चेहरे पर सनसनी में कमी, दांतों का ढीला होना, दांतों और मसूड़ों में दर्द, तालु का पीला होना, सांस संबंधी समस्याएं, सीने में दर्द, सिरदर्द, चेतना में परिवर्तन और दौरा पड़ना आदि शमिल है।
उन्होंने कहा कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षणों में पेट की खराबी, बच्चे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव, लीवर की शिथिलता या अन्य कारणों के अभाव में सीरम लैक्टेट का लगातार बढ़ना।
उन्होंने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस का प्रबंधन शीघ्र होना चाहिए, इसलिए यदि माता-पिता या अभिभावक को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो बच्चे को तुरंत अस्पताल लाया जाना चाहिए।