शिमला। किसान संघर्ष समिति ने प्रदेश में खाद की कमी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है तथा प्रदेश सरकार से मांग की है कि तुरंत खाद की कमी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए तथा प्रदेश के हर जिला में इसे किसानों की मांग अनुरूप खाद उपलब्ध करवाए तथा इनकी कीमतों में की गई वृद्धि वापिस ली जाए।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक संजय चौहान ने कहा कि आज प्रदेश के सभी जिलों में खाद विशेष रूप से DAP व NPK 12:32:16 और 15:15:15 की व्यापक कमी है। यूँ तो खाद सरकार उपलब्ध करवा नहीं पा रही है यदि कहीं भेजी भी गई है तो वहाँ भी 100-150 कट्टे ही खाद के भेजे गए हैं जबकि मांग आज हर ब्लॉक स्तर पर हजारों कट्टों की मांग है।
आज प्रदेश में गेहूँ व अन्य फसलों की बिजाई तथा सेब व अन्य फलों में बगीचों में खाद डालने का समय भी आ गया है इसलिए किसान को खाद की आवश्यकता है यदि समय रहते सरकार खाद उपलब्ध नहीं करवाती है तो फसलों की बिजाई व बगीचों में खाद डालने का कार्य नहीं हो पायेगा और उत्पादन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा, जिससे किसान व बागवान का संकट और अधिक बढ़ेगा।
देश व प्रदेश में सरकार कॉरपोरेट परस्त नीतियों को लागू कर कृषि व बागवानी के क्षेत्रों का निजीकरण कर इसमे दी जाने वाली सब्सिडी व अन्य सहायता समाप्त कर दी है और खुला बाज़ार व खुला व्यापार की नीतियों के तहत किसानों व बागवानों को बाज़ार की ताकतों व कंपनियों के भरोसे छोड़ दिया है।
ऐसे में किसानों व बागवानों को बाज़ार से महंगी खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुएं खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में किसान की लागत कीमत में निरन्तर वृद्धि हो रही है और बाज़ार में उसको उचित दाम न मिलने से कृषि व बागवानी का संकट और अधिक बढ़ गया है।
किसान संघर्ष समिति सरकार से मांग करती है कि किसानों व बागवानों को हर ब्लॉक स्तर पर खाद मांग अनुरूप उपलब्ध करवाए तथा खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर सब्सिडी तुरंत जारी करे और ब्लॉक स्तर पर कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से सभी लागत वस्तुएं उपलब्ध करवाए।