केंद्रीय विद्युत तथा भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गूर्जर ने एसजेवीएन कारपोरेट मुख्यालय का किया दौरा

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शिमला। केंद्रीय विद्युत तथा भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गूर्जर ने आज शिमला में एसजेवीएन कारपोरेट मुख्यालय, शक्ति सदन का दौरा किया। उन्होंने एसजेवीएन प्रबंधन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। गूर्जर का स्वागत करते हुए नन्‍द लाल शर्मा ने उन्हें एसजेवीएन की निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण और विकास गतिविधियों से अवगत कराया। तत्‍पश्‍चात शर्मा ने भारत और विदेशों में एसजेवीएन की विभिन्न परियोजनाओं संबंधी विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की वर्ष 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से 500 गीगावाट विद्युत उत्‍पादन करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, एसजेवीएन ने अपने बिजनेस मॉडल को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के साझा विजन के साथ पुनर्संशोधित किया है।

शर्मा ने अवगत कराया कि एसजेवीएन ने अद्वितीय वृद्धि और विविधीकरण की अपनी यात्रा, एकल परियोजना से प्रारंभ करके वर्तमान में भारत और विदेशों में लगभग 31000 मेगावाट का पोर्टफोलियो बनाया है।

उन्होंने भारत सरकार द्वारा परिकल्पित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टीम एसजेवीएन की ओर से दृढ़ संकल्प दोहराया।

इस अवसर पर गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), सुशील कुमार शर्मा, निदेशक (विद्युत) और एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गूर्जर ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने प्रचालन और रखरखाव के चरण में विद्युत स्टेशनों की स्थिति के साथ-साथ निर्माण के विभिन्न चरणों में विद्युत परियोजनाओं में चल रही गतिविधियों की समीक्षा की।

मंत्री ने जोर देकर कहा कि ऊर्जा ने राष्ट्र के विकास और समग्र अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।गूर्जर ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण जैसे ऊर्जा क्षेत्र के विकास पर जोर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समर्पित, विश्वसनीय और सस्ती विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।

केंद्रीय मंत्री ने अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में एसजेवीएन के तीव्र विकास और योगदान की सराहना की। उन्होंने लगभग 31000 मेगावाट के पोर्टफोलियो को प्राप्त करने में एसजेवीनाइट्स के अथक प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने भारत और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में परियोजनाओं के निष्पादन में भारत सरकार से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

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