शिमला। करुणामूलक संघ का संघर्ष 190 दिन पार हो गया है। इससे उनमें सरकार के खिलाफ काफी रोष है।
इनकी मुख्य मांगे हैं :
समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों में क्लास-सी के केसों को आगामी कैबिनेट में लाया जाए व छठे वेतन आयोग से पहले वन टाइम सेटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं।
क्लास -सी में जितने भी मामले आ रहे है उन्हें योग्यता के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में नियुक्तियाँ दी जाएं ताकि कलर्क के पद पर ज्यादा बोझ न पड़े और जिन करुणामूलक आश्रितों की योग्यता टेक्निकल एजुकेशन में है उनको उसी श्रेणी में नौकरी दी जाए।
पॉलिसी में संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक सदस्य सालाना आय शर्त व 5% कोटा शर्त को हटाया जाये।