शिमला। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को हिमाचल में हाइड्रो पावर परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित होने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अनेक नवाचार कदम उठाए हैं और सरकार जल विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन करने पर विशेष बल दे रही है।
इसके उपरांत उन्होंने बंगलूरू में कर्नाटक के कौशल विकास मंत्री डॉ. शरना प्रकाश पाटिल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम. सी सुधाकर से भेंट की।
धर्माणी ने मंत्रियों के साथ कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा में नव आयाम स्थापित करने की दिशा में विभिन्न नवाचार प्रयासों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि युवाओं के जीवन में कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के महत्व को देखते हुए उन्हें रोजगार प्रदाता के रूप में स्थापित करने के लिए उनका कौशल संवर्धन करना और न्यू एज कृत्रिम मेधा (ए.आई) आधारित विषयों का ज्ञान देना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में युवाओं को ए.आई आधारित पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जा रही है।
उन्होंने कर्नाटक कृषि विश्वविद्यालय के बायो फ्यूल केंद्र का भी दौरा किया और केंद्र के अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की।
हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कर्नाटक के अधिकारी भी इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री के साथ उपस्थित थे।