शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला जिला के आदर्श केन्द्रीय कारागार कण्डा में बंदियों के लिए हिमकेयर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बंदियों को हिमकेयर कार्ड भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने जेलों और अन्य संस्थानों के बंदियों के लिए एकीकृत एसटीआई, एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस (आईएसटीएचटी) अभियान के शुभारंभ की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस योजना के तहत बंदियों का पंजीकरण शुरू किया गया है और शीघ्र ही शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार जेल बंदियों के कल्याण के लिए उनके प्रीमियम की किस्त अदा करेगी। इसके अतिरिक्त, राज्य के बाल सुधार गृहों में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक योजना शुरू करने पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर नागरिक, विशेष तौर पर वंचित वर्गों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को कानूनी रूप प्रदान किया है जिसके तहत 27 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को सहायता प्रदान की जा रही है।
इसके अतंर्गत उनकी शिक्षा और छात्रावास का व्यय, चार हजार रुपये जेब खर्च और घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कारावास के बंदी हिमकेयर योजना के लाभ से वंचित थे और उन्हें बीमारी के दौरान उपचार के लिए धन अभाव का सामना करना पड़ता था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने जेल के बंदियों को इस योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 14 जून, 2023 तक राज्य की 14 जेलों के 3218 बंदियों और राज्य भर के किशोर गृह, नारी निकेतन और नशा मुक्ति केंद्र के 1278 आवासियों की जांच और उपचार करना है।
उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी, आईसीटीसी, एआरटी काउंसलर, लैब टेक्नीशियन, फ्रीजर पीयर मोबिलाइजर और पैरामेडिकल स्टाफ जैसे विभिन्न चिकित्सा पेशेवरों को समायोजित कर जिला स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग जेल बंदियों को एचआईवी, टीबी, एसटीआई और हेपेटाइटिस के लिए निःशुल्क परामर्श, उपचार और दवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि बंदियों की रिहाई के बाद अन्य लोगों में बीमारी के संक्रमण को फैलने का खतरा बना रहता है इसे रोकने के लिए उनका समय पर उपचार अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन बीमारियों पर नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और वर्ष 2030 तक एड्स को खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश मंे एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की समुचित देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है।
उपचार के लिए उन्हें 6 एंटीरेट्रोवाइरल केंद्रों पर निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही प्रतिमाह 1500 रुपये की आर्थिक सहायता और निःशुल्क बस पास सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जेल बंदियों के लिए आयोजित एड्स जागरूकता प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार वितरित किए, जिसमें राकेश कुमार प्रथम, स्वर्णजीत कौर ने द्वितीय और हितेश सबलिक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने जेल बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। उन्होंने जेल परिसर में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा रुद्राक्ष का पौधा भी रोपित किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि यह अभियान देशभर के कारागारों में चलाया जा रहा है और एक महीने तक चलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बंदियों के स्वास्थ्य सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के वंचित वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के उपरान्त वह टूटीकंडी बालिका आश्रम गए और इन संस्थानों में रहने वाले बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की शुरुआत की, इन बच्चों की राज्य के बच्चों के रूप में देखभाल की जा रही है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि बंदियों को समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित करना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को एचआईवी और इसकी रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के माध्यम से जागरूकता अभियान को गति दी जाएगी।