शिमला। सिरमौर क्षेत्र के हिस्से को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग ने तूल पकड़ लिया है। जिला सिरमौर के गिरी पार क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का दर्जा दिलाने को लेकर हाटी समुदाय लगातार संघर्ष कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा बजट सत्र में भी गिरि पार को ट्राइबल का दर्जा देने का मुद्दा कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाया जा रहा है। प्रश्नकाल के दौरान रेणुका क्षेत्र के विधायक विनय कुमार ने ये मामला उठाया और कहा कि सिरमौर जिला के गिरि पार क्षेत्र की 144 पंचायतों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने का मामला लंबे समय से चर्चा में है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कई बार इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया है और ये क्षेत्र सभी मापदंडों पर खरा उतरता है। सभी रिपोर्ट भी केंद्र को भेज दी गई हैं।
उत्तराखंड का हिस्सा जो पहले सिरमौर रियासत का हिसा रहा था उसे काफी पहले ही ट्राइबल घोषित किया जा चुका है। सिरमौर के लोग भी लोग लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं ओर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने ट्राइबल घोषित करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि आज सदन में ये मामला उठाया गया है और मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है कि अपने स्तर पर प्रधानमंत्री से बात कर इस क्षेत्र को जल्दी से जल्दी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित करवाएं।
हर्ष वर्धन ने कहा कि ये कोई राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि सभी राजनीतिक दल इस की मांग कर रहे हैं ताकि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार में अवसर मिले और क्षेत्र का विकास को गति मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश और केंद्र में दोनों ही सरकारें भाजपा की हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाएं ताकि लोगों की वर्षों की मांग को पूरा किया जा सके।