आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 15 नवंबर 2021
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वादशी पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद शाम 6:09 तक तत्पश्चात रेवती
योग – वज्र 16 नवंबर रात्रि 1:36 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहुकाल – सुबह 08:13 से सुबह 09:36 तक
सूर्योदय – 06:50
सूर्यास्त – 17:55
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी (भागवत), तुलसी विवाह प्रारंभ, चातुर्मास समाप्त, पंढरपुर यात्रा, द्वादशी वृद्धि तिथि
विशेष –
द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो
16 नवम्बर 2021 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है।
किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाएं और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें
ये मंत्र बोलें
ॐ भौमाय नमः
ॐ मंगलाय नमः
ॐ भुजाय नमः
ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
ॐ भूमिपुत्राय नमः
ॐ अंगारकाय नमः
और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-
धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम।
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम।
कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत
त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं। इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है।
मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें।
पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –
मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्। जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।
विष्णुपदी संक्रांति
जप तिथि : 16 नवम्बर 2021 मंगलवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )
पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर 01:04 तक।
विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है।– (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)
कार्तिक मास के अंतिम 3 दिन दिलाएं महा पुण्य पुंज
कार्तिक मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे कार्तिक मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है।
इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है।