जानिए आज क्या खाने से हो सकता है धन का नाश

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 23 नवंबर 2021

दिन – मंगलवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत

मास – मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – चतुर्थी रात्रि 12:53 तक तत्पश्चात पंचमी

नक्षत्र – आर्द्रा दोपहर 01:44 तक तत्पश्चात पुनर्वसु

योग – शुभ पूर्ण रात्रि तक

राहुकाल – शाम 03:10 से शाम 04:33 तक

सूर्योदय – 06:54

सूर्यास्त – 17:54

दिशाशूल – उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण –

अंगारकी- मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि 12:53 तक), संकट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 9:00 बजे)

विशेष –

चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

मंगलवारी चतुर्थी

मंत्र जप व शुभ संकल्प की सिद्धि के लिए विशेष योग

मंगलवारी चतुर्थी को किये गए जप-संकल्प, मौन व यज्ञ का फल अक्षय होता है।

मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना। जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है।

कोई कष्ट हो तो

हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं। कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या। ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है।

उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों।

छः मंत्र इस प्रकार हैं

ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे।

ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो भैरव देख दुष्ट घबराये।

ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले। उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें।

ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है।

ॐ अविघ्नाय नम:
ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:

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