आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 04 दिसम्बर 2021
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – अनुराधा सुबह 10:48 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग – सुकर्मा सुबह 08:41 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल – सुबह 09:45 से सुबह 11:07 तक
सूर्योदय – 07:02
सूर्यास्त – 17:55
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या
विशेष –
अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
आर्थिक परेशानी रहती हो तो
जिनके घर में हमेशा पैसो का अभाव रहता है, गरीबी रहती है – वराह पुराण में बताया है कि मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (5 दिसम्बर 2021 रविवार को) सुबह जल्दी भगवान विष्णु के कुछ नाम जप करें, दीप आदि जला कर और मानसिक पूजन करें :
ॐ वैश्वा नराय नमः
ॐ अग्नये नमः
ॐ हवीर भुजे नमः
ॐ द्रवीणोदाय नमः
ॐ समवरताय नमः
ॐ ज्वलनाय नमः
सर्दियों में ख़ास गोमूत्र पान
शरीर की पुष्टि के साथ शुद्धि भी आवश्यक है। गोमूत्र शरीर के सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म स्त्रोतों में स्थित विकृत दोष को मल–मुत्रादि के द्वारा बाहर निकाल देता है।
इसमें स्थित कार्बोलिक एसिड कीटाणुओं व हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है। इससे रोगों का समूल उच्चाटन करने में सहायता मिलती है। गोमूत्र में निहित स्वर्णक्षार रसायन का कार्य करते है। अत: गोमूत्र के द्वारा शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य पूर्ण होते हैं।
सेवन विधि :
प्रात: २५ से ४० मि.ली. (बच्चों को १०–१५ मि.ली.) गोमूत्र कपडे से सात बार छानकर पियें। इसके बाद २–३ घंटे तक कुछ न लें। ताम्रवर्णी गाय अथवा बछड़ी का मूत्र सर्वोत्तम माना गया है।
विशेष :
सुबह गोमूत्र में १०–१५ मि.ली. गिलोय का रस (अथवा २–३ ग्राम चूर्ण) मिलाकर पीना उत्कृष्ट रसायन है।
ताजा गोमूत्र न मिलने पर गोझरण अर्क का प्रयोग करें | १०–१२ मि.ली. (बच्चों को ५–१० मि.ली.) गोझरण अर्क में पानी मिलाकर लें।