आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक 26 अगस्त 2021
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत – 1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – श्रावण)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी शाम 05:13 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – रेवती रात्रि 10:29 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग – गण्ड 27 अगस्त प्रातः 05:26 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहुकाल – दोपहर 02:15 से शाम 03:50 तक
सूर्योदय – 06:21
सूर्यास्त – 18:58
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण
विशेष –
चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।
जन्माष्टमी
30 अगस्त 2021 सोमवार को जन्माष्टमी है ।
भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है |
हजार एकादशी का फल देनेवाला व्रत
जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात, जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है ।
भविष्य पुराण में लिखा है कि जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता ।
एकादशी का व्रत हजारों – लाखों पाप नष्ट करनेवाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है ।
एकादशी के दिन जो संयम होता है उससे ज्यादा संयम जन्माष्टमी को होना चाहिए ।
बाजारु वस्तु तो वैसे भी साधक के लिए विष है लेकिन जन्माष्टमी के दिन तो चटोरापन, चाय, नाश्ता या इधर – उधर का कचरा अपने मुख में न डालें ।
इस दिन तो उपवास का आत्मिक अमृत पान करें ।अन्न, जल, तो रोज खाते – पीते रहते हैं, अब परमात्मा का रस ही पियें । अपने अहं को खाकर समाप्त कर दें।