जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन जल्द ही जनता को किया जाएगा समर्पित, रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन का किया दौरा

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जालंधर, ऋषि व्यास। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग 2025 की पहली तिमाही तक जनता को समर्पित कर दी जाएगी। चल रही परियोजना का दौरा करने के बाद यह जानकारी देते हुए, रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्ण काम करने को कहा गया है।

जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित करने का काम जोरों पर है। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 7,400 यात्री आते-जाते हैं तथा यहाँ से औसतन 141 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें 2 हमसफ़र और 1 वंदे भारत ट्रेन शामिल है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अक्टूबर महीने तक, प्रतिदिन औसत यात्री राजस्व 16.30 लाख रुपये है तथा पार्सल सेवा से प्रतिदिन औसत राजस्व 0.51 लाख रुपये है।

कुल 99 करोड़ रुपये की लागत से, पूरा होने के बाद जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के आगमन और प्रस्थान दोनों के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी।

विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं और सांस्कृतिक आधारित कलाकृतियों के साथ प्रतिष्ठित स्टेशन भवन का निर्माण, शहर के दोनों किनारों का एकीकरण और स्टेशन के दोनों तरफ प्राकृतिक वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था का अधिकतम उपयोग करते हुए गोल्ड रेटिंग वाली ग्रीन बिल्डिंग, सभी यात्री सुविधाएं यानी रिटेल, कैफेटेरिया, मनोरंजन सुविधाएं, एक स्थान पर बड़ी सभाओं के लिए शानदार कॉनकोर्स का निर्माण, यात्री सुविधा के लिए 10 लिफ्ट और 9 एस्केलेटर, सुचारू यातायात प्रवाह के लिए पिक एंड ड्रॉप सुविधा के साथ पर्याप्त पार्किंग, यात्रा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए साइनेज और डिजिटल डिस्प्ले की व्यवस्था होगी।

रेलगाड़ियों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए रवनीत सिंह ने कहा कि लुधियाना-जालंधर सेक्शन के बीच 71.25 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग का प्रावधान स्वीकृत किया गया है और इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

फिरोजपुर डिवीजन द्वारा 1513 किलोमीटर में कवच स्थापित करने का प्रस्ताव शुरू किया गया है।

एफजेडआर डिवीजन के श्रीनगर-जालंधर-जम्मू, जम्मू- अमृतसर, अमृतसर-पठानकोट और अमृतसर-खेमकरन खंडों (549 किलोमीटर); एफजेडआर डिवीजन (452 किलोमीटर) के फिरोजपुर-लुधियाना, फिरोजपुर- जालंधर, फिरोजपुर-फाजिल्का से कोटकपुरा- फाजिल्का-अबोहर सेक्शन पर पर कवच का प्रावधान है।

एफजेडआर डिवीजन (300 किलोमीटर) के अमृतसर- अटारी, ब्यास-तरनतारन, जालंधर-होशियारपुर, फिल्लौर-लोहियां खास और फगवाड़ा-नवांशहर संतुलन मार्ग पर और एफजेडआर डिवीजन (212 किलोमीटर) के जम्मू-उधमपुर-कटरा और बनिहाल-बारामुला सेक्शन पर कवच का प्रावधान है।

ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (कवच) एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सिग्नल पासिंग एट डेंजर (एसपीएडी), अत्यधिक गति और टकरावों के खिलाफ ट्रेनों को सुरक्षा प्रदान करना है।

फिरोजपुर डिवीजन के चल रहे कार्यों पर आगे विस्तार से बताते हुए रवनीत सिंह ने कहा कि पंजाब के 12 रेलवे स्टेशनों को 270 करोड़ रुपये की लागत से अमृत भारत स्टेशनों के रूप में पुनः विकसित किया जा रहा है, जिनमें ढंडारी कलां, फिल्लौर, फगवाड़ा, कोटकपूरा, मुक्तसर, फिरोजपुर कैंट, फाजिल्का, मोगा, होशियारपुर, कपूरथला, गुरदासपुर और पठानकोट सिटी शामिल हैं।

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