जल विद्युत परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं होने से राज्य को हो रहा नुकसान, सीएम ने दिए अधिकारियों को निर्देश

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार देर शाम हमीरपुर में एक बैठक की अध्यक्षता की और राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य में देरी से राज्य को वित्तीय नुकसान होता है इसलिए ऊर्जा विभाग को इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लक्ष्य मार्च 2027 तक 628 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं को आरम्भ करना है। इनमें जुलाई 2025 तक 450 मेगावाट की शांेगटोंग कड़छम परियोजना, मार्च 2027 तक 48 मेगावाट की चांजू चरण-3 जलविद्युत परियोजना और जून 2026 तक 130 मेगावाट की काशांग चरण-2 और चरण-3 परियोजनाओं को पूरा करना शामिल है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के दोहन को बल देने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 30 मेगावाट की देओथल चांजू परियोजना को दिसंबर 2027 तक, 40 मेगावाट की रेणुका जी जलविद्युत परियोजना को दिसंबर 2028 तक और 190 मेगावाट की थाना प्लौन परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य ने 17 विभिन्न परियोजनाएं प्रस्तावित की हैं, जो पहले चरण में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेंगी।

32 मेगावाट क्षमता की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन सभी परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि राज्य के लोगों को इनका लाभ समय पर मिल सके।

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