शिमला। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में गत वर्ष जो बाढ़ और तेज बारिश से नुकसान हुआ उसके जख्म अभी भरे नहीं है, इस बरसात में जिस प्रकार से भारी बारिश कुछ स्थानों पर हो रही है और जो नुकसान हो रहा है यह दुखद है।
उन्होंने कहा कि जान व माल का नुकसान हुआ है इसमें परिवारों की क्षति को पूरा नहीं किया सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा सभी से आग्रह है कि इस समय सतर्क रहे बचाव करें, सरकार ने समूचे हिमाचल में 24 घंटे मदद के लिए आपदा प्रबंधन के अधिकारी तैनात किए हैं, उनकी सूची जारी की है। किसी भी दिक्कत में कभी भी संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बारिश में कोई भी रिस्क ना ले, जान जोखिम में ना डालें, सतर्कता से रहे, वाहन चालक भी सफर के दौरान लैंड स्लाइडिंग का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि समूचे प्रदेश में समय-समय पर जहां मौसम विभाग अलर्ट जारी कर रहा है। वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा भी चेतावनी दी जा रही है, जिसको सभी फॉलो करें।
उन्होंने कहा कि सभी की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है, सभी विभाग प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निवासी आपदा में हर स्तर पर मदद कर रहे हैं फील्ड में है, उन्होंने कहा कि इस समय में सबको देवभूमि की सुरक्षा के लिए कामना भी करनी है और हमें सुरक्षित भी सबको रखना है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने- बाढ़ और वर्षा से जल शक्ति विभाग को अब तक 196 करोड़ का नुक़सान हो चुका है।
अकेले बीते रोज़ की बारिश से 44 करोड़ का नुक़सान हुआऔर 352 योजनाये प्रभाबित हुई। मुकेश ने कहा कि यह नुक़सान मुख्यता कुल्लू, शिमला एवं रिकाँगपियो में हुआ।
शिमला के मत्याना क्षेत्र की कुर्पन योजना को बड़ा नुक़सान हुआ है और इसके पम्प हाउस, मशीनरी और पाइप्स के बहने से दस करोड़ का नुक़सान हुआ है, रामपुर पेयजल का सोर्स एवं पाइप बहने से क़रीब 8 करोड़ की चपत विभाग को लगी है।
सारे विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। मुकेश ने कहा कि काफ़ी स्कीमों को एहतियातन मौके के मुताबिक़ बंद किया जा रहा है, ताकि गाद से ना भर जायें, फिर भी पानी चलता रहे उसके लिए प्रयास जारी हैं, अफ़सरों व कर्मचारियों की आगामी आदेशों तक सारे अवकाश रद रहेंगे। मुकेश ने कहा कुल प्रभावित 2421 स्कीमों में 1438 बहाल हो चुकी है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने कहा कि आपदा गहरे जख्म देता है, उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश को इस समय इस आपदा में सुरक्षित रखना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सभी राजनेता, विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जनता से संपर्क में रहे। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हिमाचल का हित देखे।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि पंचायत स्तर पर ऐसे पॉइंट्स को देखें जहां नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे घर जो खतरे की जद में हो सकते हैं वहां से लोगों को सुरक्षित स्थान पर निकालने का प्रशासन प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि पर्यटक किसी भी ऐसे क्षेत्र में न जाए जहां बारिश से रास्तों को नुकसान हो सकता है।