नोएडा। अंग प्रत्यारोपण में अग्रणी भूमिका के साथ एक और उपलब्धि हासिल करते हुए नोएडा के जेपी हॉस्पिटल ने 1000 से अधिक अंग प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। ये 1000 प्रत्यारोपण उस हर व्यक्ति के लिए जश्न का अवसर हैं, जिन्हें डोनर्स और उनके परिवारों की उदारता की वजह से जीवन का उपहार मिला है।
अंग प्रत्यारोपण में उत्कृष्ट केन्द्र, पिछले 8 सालों में तकरीबन 1035 प्रत्यारोपण कर चुका है, जिसमें किडनी और लिवर ट्रांसप्लान्ट शामिल हैं।
इनके सतत सहयोग के लिए यह संभव नहीं थाः
डॉ अमित देवरा- डायरेक्टर, को-ऑर्डिनेटर किडनी ट्रांसप्लान्ट प्रोग्राम, डिपार्टमेन्ट ऑफ यूरोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट
डॉ अनिल प्रसाद भट्ट- डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट
डॉ केआर वासुदेवन- डायरेक्टर डिपार्टमेन्ट ऑफ लिवर ट्रांसप्लान्ट
डॉ विजय कुमार सिन्हा- एडिशनल डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट
डॉ पुनीत सिंगला- एडिशनल डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ लिवर ट्रांसप्लान्ट एण्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलोजी एवं टीम
इस उपलब्धि पर बात करते हुए डॉ मनोज लूथरा, सीईओ, जेपी हॉस्पिटल, नोएडा ने कहा, ‘‘इस उपलब्धि तक पहुंचना जयप्रकाश गौर जी की विरासत को दर्शाता है। हम लिविंग डोनर लिवर प्रक्रियाओं तथा आधुनिक कम-इनवेसिव प्रक्रियाओं के द्वारा अपने ट्रांसप्लान्ट प्रोग्रामों को निरंतर सशक्त बना रहे हैं।
अपने इन प्रयासों के साथ हम इस जीवन रक्षक उपचार की सुलभता बढ़ाना चाहते हैं। हमें अपनी टीम के समर्पण और प्रयासों पर गर्व है, जो आधुनिक समाधानों के साथ न सिर्फ आज बल्कि आने वालों सालों में भी मरीज़ों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।’’
सफलता की उंची दरों के साथ जेपी हॉस्पिटल देश के सर्वश्रेष्ठ मल्टी स्पेशलटी अस्पतालों में से एक है जो नेफ्रोलोजिस्ट्स एवं लिवर विशेषज्ञों की समर्पित टीम की मदद से उत्कृष्ट परिणाम देता है, इस टीम के पास व्यापक अनुभव और ज्ञान है। 1000 से अधिक ट्रांसप्लान्ट्स के अनुभव के साथ जेपी हॉस्पिटल ने डोनर्स के लिए रूग्णता की संभावना को न्यूनतम कर शून्य फीसदी मृत्यु दर को सुनिश्चित किया है।
इस मौके पर डॉ अनिल कुमार, सीओओ, जेपी हॉस्पिटल ने कहा, ‘‘अंगदान सबसे नेककाज है जो एक व्यक्ति को नया जीवन देता है। इस क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति तथा अंग दान के लिए जागरुकता बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद आज भी अंगों की उपलब्धता और आवश्यकता के बीच बड़ा अंतर है जो गंभीर समस्या है।
हर साल हज़ारों लोग ऑर्गन फेलियर के साथ अपनी जान गंवा देते हैं। एक अंतर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि एक व्यक्ति 8 लोगों तक का जीवन बचा सकता है। अंगदान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाना समय की मांग है। हाल ही में विभिन्न हितधारकों के प्रयासों के चलते अंगदान की शपथ लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।’’
कार्यक्रम के दौरान उन बहादुर लोगों को नमन किया गया, जिन्होंने अपने अंग दान में देकर किसी अन्य व्यक्ति को नया जीवन दिया और अंगदान से जुड़ी गलत अवधारणाओं को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मौके पर डोनर्स, उनके परिवारों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने किसी को अंगदान कर उन्हें नया जीवन दिया था।