शिमला। आज हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ के पदाधिकारियों की बैठक प्रधान संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में सरकार द्वारा पैन्शनरों को 9 अक्टूबर को पैन्शन देने के निर्णय पर खेद व्यक्त किया गया। महासघं का मानना है कि प्रदेश के सभी सेवानिवृत अधिकारियों / कर्मचारियों की प्रदेश के विकास में अहम भूमिका रही है।
आज प्रदेश विकास की जिन उच्चाइयों पर पहुंचा है उसमें सभी सेवानिवृत अधिकारियों / कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन खेद का विषय है कि आज इन सेवानिवृत अधिकारियों / कर्मचारियों को अपने हक की पैन्शन तथा देय बकाया राशि के लिए भी सडकों पर उतरना पड रहा है।
उन्होंने जैसा कि सभी को ज्ञात है कि सर्वप्रथम हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासघं ने प्रदेश के सभी कर्मचारी / पैन्शनरों के देय मंहगाई भता, बकाया एरियर, संशोधित वेतनमान की बकाया राशि तथा अन्य देनदारी के प्रति आवाज उठाई थी, जिसके लिए महासघं अभी भी सघर्षरत है।
इसके लिए प्रदेश के सभी पैन्शनर महासघों का समथर्न मिला है। आज प्रदेश के सेवानिवृत अधिकारियों / कर्मचारियों को उनकी पैन्शन 1 तारीख की बजाए 9 तारीख को दी जा रही है, जिसका सचिवालय महासंघ पूरजोर विरोध करता है तथा प्रदेश सरकार से मांग करता है कि पैन्शनरों को भी उनकी पैन्शन 1 तारीख को दी जाए ताकि वे भी बैंक से लिए ऋण की अदायगी तथा अन्य देनदारीयों का निर्वाह समय पर कर सकें।
इस बैठक में सचिवालय राजपत्रित संघ की अध्यक्षा गीता शर्मा, निजि सचिव संघ के अध्यक्ष तुलसी राम, हि प्र सचिवालय सेवाएं सगठन के महासचिव कमल कृष्ण शर्मा, वरिष्ठ उप-प्रधान रमन शर्मा, चालक महासघ के महासचिव सतीश कुमार तथा चतुर्थ श्रेणी सगठन के प्रधान टेक राम शर्मा तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।