शिमला। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में प्रोत्साहित करना और इसके सांस्कृतिक व प्रशासनिक महत्व पर चर्चा करना था। इस अवसर पर संस्थान के सचिव, श्री मेहर चंद नेगी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संचालन हुआ।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिसे डॉ. निवेदिता ने प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् कई विद्वानों ने हिंदी भाषा की भूमिका और उसके विकास पर अपने विचार रखे।
डॉ मनीष मिश्रा ने “सांझी संस्कृति का उद्बोधक हिंदी” पर अपनी बात रखी, जबकि डॉ. रेणु द्विवेदी ने “राजभाषा संबंधी संशोधन” पर अपने विचार साझा किए। प्रोफेसर जितेंद्र राय ने “राजभाषा: राष्ट्रभाषा हिंदी” पर चर्चा की और प्रोफेसर ओमप्रकाश शर्मा ने “राजभाषा हिंदी का महत्व” विषय पर अपने दृष्टिकोण से अवगत कराया।
कार्यक्रम में डॉ. टेक चंद द्वारा राजभाषा पर एक प्रेरणादायक कविता और गान प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का समापन संस्थान के सचिव, श्री मेहर चंद नेगी के अध्यक्षीय उद्बोधन और डॉ. मीनू अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। अंत में राष्ट्रगान गाकर समारोह को पूर्ण किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के सभी विद्वान, अधिकारी, सह-विद्वान और कर्मचारी मौजूद रहे और उन्होंने इस समारोह को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।