शिमला। हिमाचल साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक एसोसिएशन है जिसे कार्य करते हुए 10 वर्ष हो गए हैं। इनके द्वारा एक छोटा सा सेंटर बनाया गया है, जिसका नाम आर्यभट्ट जिओ इनफॉरमेशन सेंटर का नाम रखा गया है।
इस सेंटर के द्वारा लोगों को बहुत सारी सुविधाएं दी जाती हैं। इसके माध्यम से रिमोट सेंसिंग, जीपीएस सहित कई सुविधाएं दी जाती हैं। इसमें 45 लोग कार्य कर रहे हैं और 10 वर्षों में यह कार्य कर रहा है।
बहुत से विभागों को बहुत सी टेक्नोलॉजी सलूशन और उनके डाटाबेस को बनाए रखा है।
प्रमोद सक्सेना ने कहा कि इस वर्कशाप द्वारा विभागों को किस तरह की टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है और आने वाले समय में क्या क्या चाहिए, उसके लिए आज वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि बहुत सार्थक वर्कशॉप हुई है और अन्य विभागों के साथ आर्यभट्ट का सहयोग बढ़ाने के लिए कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास 30 विभाग हैं, जिसमें से 8 विभागों के साथ बहुत अधिक तालमेल है।
वहीं कुछ ऐसे विभाग भी हैं, जिसमें एक ही बार सेवा का इस्तेमाल किया गया और दूसरी बार नहीं आए और कुछ ऐसे भी विभाग हैं जिसने इस सेवा का इस्तेमाल किया लेकिन दूसरी बार उस पर कोई भी अपडेट नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य यह है कि वह फिर से सभी विभागों के साथ बातचीत कर के तालमेल बिठाएंगे। अब आने वाले समय में एसोसिएशन ड्रोन टेक्नोलॉजी के ऊपर कार्य करेगी ताकि यह पता लगाया जाए कि ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से विभाग को उनके कार्य में और कैसे सशक्त किया जा सकता है।
शोघी में अभी तक दो प्रमुख चीजें हैं एक साइंस म्यूजियम और टेलिटोरियम। साइंस म्यूजियम अपने अंतिम चरणों पर है और आने वाले 6 महीनों में वह लोगों के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। पैरा मंडल नेशनल साइंस म्यूजियम दिल्ली के साथ उनका समझौता हो चुका है।