हिमाचल में 74.05 प्रतिशत मतदान, शिमला शहरी में सबसे कम तो दून में सबसे ज्यादा लोगों ने डाले वोट, पढ़ें कहाँ कितने डले वोट

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हिमाचल। प्रदेश विधानसभा के चुनावों के लिए लोग काफी संख्या में बाहर निकल गए। प्रदेश में इस बार 74.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।

दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 85.2 प्रतिशत वोट कास्ट हुए हैं। शिमला शहरी में सबसे कम 62.53 फीसदी मतदान हुआ है।

जिलेवार मतदान

ऊना 76.69

कांगड़ा 71.27

किन्नौर 70.50

कुल्लू 76.15

चम्बा 72.95

बिलासपुर 75.77

मंडी 74.94

लाहौल स्पीति 73.91

शिमला 72.32

सिरमौर 79.07

सोलन 76.82

हमीरपुर 71.69

जिला ऊना में 5 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान

जिला कांगड़ा के 15 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान

जिला किन्नौर में 70.50 प्रतिशत मतदान हुआ है।

जिला कुल्लू की चार सीटों पर मतदान

चम्बा जिले की 5 सीटों पर मतदान

बिलासपुर की 4 सीटों पर मतदान

मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी की 10 सीटों पर वोट

लाहौल स्पीति में 73.91 प्रतिशत मतदान हुआ।

शिमला जिले की 8 विधानसभा सीटों पर मतदान

जिला सिरमौर की 5 सीटों पर मतदान

सोलन जिला में 5 सीटें हैं। यहां यह रही मतदान प्रतिशतता

जिला हमीरपुर के 5 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने लोकतंत्र के महापर्व में भारी संख्या में भाग लेेकर सफल बनाने के लिए प्रदेश के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने मतदान प्रक्रिया में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग तथा निर्वाचन विभाग के सतत् प्रयासों तथा लोगों की भागीदारी से ही प्रदेश में सफल मतदान सम्भव हो पाया।

उन्होंने मतदान में रुचि दिखाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में योगदान देने के लिए पहली बार भाग लेने वाले युवा मतदाताओं, बुजुर्ग मतदाताओं, महिला मतदाताओं तथा दिव्यांग मतदाताओं सहित सभी श्रेणी के मतदाताओं का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।

मनीष गर्ग ने भारत निर्वाचन आयोग, विशेषकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का समय-समय पर निर्वाचन विभाग का निरन्तर मार्गदर्शन करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता एवं मतदाताओं के प्रेरणास्त्रोत स्वर्गीय श्याम सरन नेगी के निधन पर मुख्य चुनाव आयुक्त का स्वंय उनके निवास स्थान कल्पा पहुॅच कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देना प्रदेश के मतदाताओं के लिए प्रेरणादायक है।

उन्होंने कहा कि राज्य मुख्यालय में प्राप्त सूचनाओं के अनुसार सांय 5 बजे तक लगभग 66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि लोग सुबह जल्दी ही अपने घरों से निकलकर मतदान केन्द्रों पर पहुंचना आरम्भ हो गए थे । मतदान प्रातः 8 बजे से मतदान आरम्भ हुआ जो सांय 5 बजे तक चला।

उन्होंने कहा कि राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा जिसके लिए निर्वाचन विभाग द्वारा समुचित व्यवस्था की गई थी। बर्फीले क्षेत्रों में भी लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ मतदान के लिए पहुॅचे। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति, किन्नौर के अतिरिक्त चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्रों में कुल 130 मतदान केंद्र बनाए गए थे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सेवा अहर्ता मतदाताओं को छोड़कर राज्य के लगभग 55.25 लाख मतदाताओं के लिए राज्य में कुल 7884 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। कुल 412 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे जिनमें से 24 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पूरी मतदान प्रक्रिया की रीयल टाइम मॉनिटरिंग के लिए 3960 मतदान केंद्रों को लाइव वेब कास्टिंग के माध्यम से कवर किया गया, जिसकी राज्य, जिला और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों के माध्यम से लगातार निगरानी की जा रही थी। प्रदेश में 157 महिला मतदान केंद्र, 37 दिव्यांग मतदान केन्द्र तथा 136 आदर्श मतदान केन्द्र भी स्थापित किए गए थे। साथ ही हमीरपुर, ऊना, चंबा, किन्नौर जैसे कई जिलों में छोटे बच्चों के लिए क्रेच की व्यवस्था भी की गई थी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में हुए मतदान के अतिरिक्त 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग, दिव्यांग तथा अनिवार्य सेवाओं के कुल 38000 से अधिक मतदाता डाक मतपत्र के माध्यम से पहले ही अपने मत का प्रयोग कर चुके हैं। 1.26 लाख से अधिक सेवा अहर्ता मतदाताओं और मतदान डयूटी में लगाए कर्मचारियों को भी डाक मतपत्र जारी किए गए थे।

उन्होंने बताया कि मतदान प्रक्रिया पर निगरानी रखने तथा चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा 29 सामान्य पर्यवेक्षक, 23 व्यय पर्यवेक्षक और तीन पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे। इसके अतिरिक्त, एक विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, एक विशेष पुलिस पर्यवेक्षक तथा एक स्पेशल एसैसेबिलिटी पर्यवेक्षक की भी नियुक्ति की गई थी।

14 अक्तूबर को हुई मतदान की घोषणा से राज्य में आचार संहित लागू हो जाने के बाद मतदान के दिन तक पुलिस, आयकर, राज्य कर एवं आबकारी, वन तथा उद्योग विभागों की प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही में लगभग 60 करोड़ की जब्ती की गई जिसमें नकदी, अवैध शराब, सोना, आभूषण, चरस एवं नशीले पदार्थ तथा खनन अधिनियम के अन्तर्गत चालान आदि शामिल हैं।

2017 के विधानसभा चुनावों में लगभग 10 करोड़ की जब्ती की गई थी। इन चुनावों के दौरान सी-विजिल पर 1013 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 861 शिकायतों का निपटारा किया गया।

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