हिमाचल के वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर को यूएसए की यूनिवर्सिटी से मिली मानद उपाधि

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर प्रकाश बादल को पत्रकारिता और वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफी में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए यू एस ए की सीडारब्रुक यूनिवर्सिटी ने पीएचडी की मानद उपाधि दे कर सम्मानित किया है।

यह सम्मान दिल्ली में 18 जनवरी को प्रदान किया गया। प्रकाश बादल को यह सम्मान पिछले लगभग 20 वर्षो से भी अधिक समय से निरंतर वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफी और पत्रकारिता में अहम योगदान के आकलन के बाद मिला है।

सीडारब्रुक यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाश बादल को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने हेतु लिखित पत्र के माध्यम से सूचित किया गया और दिल्ली के होटल तिवोली में एक भव्य दीक्षांत समारोह में यह सम्मान दिया गया।

गौरतलब है कि प्रकाश बादल पूरे देश में अपने निजी संसाधनों से विभिन्न क्षेत्रों में जा जाकर पक्षियों की अद्भुत तस्वीरें खींचते है। बादल के द्वारा खींची गयी तस्वीरों ने विदेशों के मीडिया का भी ध्यान खींचा है, जिसके चलते पिछले वर्षों के दौरान अलग-अलग अंतरालों में प्रकाश बादल की तस्वीरें, ग्रेट ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द सन, सहित देश विदेश के अनेक प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित होती आई हैं।

इसके अतिरिक्त प्रकाश बादल की तस्वीरों को नेटजीयो ने अपने सोशल मीडिया हेंडल पर भी फीचर किया है। सूत्रों के अनुसार प्रकाश बादल अब तक भारत में विद्यमान लगभग 600 पक्षियों की बेहतरीन तस्वीरें खींच चुके हैं।

बादल हिमाचल प्रदेश के इकलौते ऐसे वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर हैं जो पक्षियों की तलाश में पूरे भारत में भ्रमण करते हैं और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की बेहतरीन तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर चुके हैं।

कोलकाता और बांग्लादेश के अनेक चर्चित संगठनों ने प्रकाश की तस्वीरों को न केवल प्रदर्शनियों में स्थान दिया है, बल्कि उन्हें अनेक सम्मानों से सम्मानित भी किया गया है।

पंजाब साहित्य कला अकादमी भी बादल को सम्मानित कर चुकी है। उत्तराखंड वन विभाग और स्ट्रेबो पिक्सल क्लब के संयुक्त तत्वाधान में नैनीताल में भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बादल की कार्यों की प्रशंसा करते हुए एक प्रशस्ति पत्र भी जारी किया है, जिसमें उनकी खींची गयी तस्वीरों की प्रशंसा की गयी है।

प्रकाश बादल हिमाचल प्रदेश वन विभाग में शिमला में कार्यरत हैं और ऊपरी शिमला के छोटे से गाँव जुब्बल से सम्बन्ध रखते हैं। बादल को मिली मानद उपाधि से प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।

यह उपाधि 18 जनवरी को देश विदेश के अनेक विद्वानों को विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान के लिए विभिन्न नामी हस्तियों की उपस्थिति में प्रदान की गय।

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