आजाद भारत में  2015 से हथकरघा उद्योग को मिली नई पहचान : वंदना योगी

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शिमला। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष वंदना योगी ने जारी प्रेस नोट में कहा की देश में मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आजादी के बाद पहली बार बुनकरों को महत्व देते हुए हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से 2015 से 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद लगातार भारतीय हथकरघा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली जिसके कारण ही पहली बार देवभूमि हिमाचल के हस्तनिर्मित ‘चंबा रुमाल’ को नई पहचान मिली।

केंद्र सरकार की इस योजना को देशभर में लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर मंडल तक महिला मोर्चा हर वर्ष इस दिवस को सार्वजनिक रूप से मनाता आया है। वंदना योगी ने कहा की इस कड़ी में इस वर्ष भी 7अगस्त को महिला मोर्चा हथकरघा दिवस को खूब धूमधाम से मंडल स्तर तक मनाने जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल मिशन के प्रति संवेदनशीलता का सम्मान करते हुए प्रदेश का महिला मोर्चा इस वर्ष बुनकर कारीगर बहनों को सम्मानित करेगा तथा साथ ही उनको आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए समाज को भी प्रेरित करेगा।

वंदना योगी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा महिला मोर्चा ऐसी कारीगर बहनों का सहयोग करने के लिए भी तैयार है जो बहनें अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाना चाहेंगे।

साथ ही केंद्र सरकार द्वारा बुनकर कारीगरों के लिए बनाई गई पांच विशेष योजनाओं का भी प्रचार प्रसार करेगी और इन योजनाओं क्रियान्वन के लिए महिला मोर्चा हर संभव प्रयास करेगा।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए महिला मोर्चा ने प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक प्रभारी नियुक्त कर दिए है जो इस कार्यक्रम को दिखेंगी।

वंदना योगी ने अपनी स्थानीय भाषा में इसी तरह का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का भी सभी बहनों से निवेदन किया ताकि अधिक से अधिक लोग वोकल फॉर लोकल के प्रति जागरूक हों, औऱ हैंडलूम डे की सार्थकता सुनिश्चित हो।

हैंडलूम उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने के अलावा महिलाओं को आत्म निर्भर बनने का भी मौका देता है। हिमाचल प्रदेश खासतौर से अपने हैंडलूम के लिए जाना जाता हैं, जो भारत ही नहीं, दुनिया भर में मशहूर हैं।

उन्होंने कहा कि हथकरघा उद्योग को बढ़ाने में महिलाएं बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रही है और आर्थिक संपन्नता की और भी अग्रसर हैं।

वंदना योगी ने आह्वान किया कि बुनकर कारीगर बहनों के आर्थिक स्तर को ध्यान में रखते हुए समाज का हर वर्ग इनके हाथों से बनी सामग्री को खरीदें, ताकि इनका आर्थिक स्तर भी बेहतर हो सके, साथ ही विलुप्त हो रही हस्तकला को पुनर्जीवित करने में भी हम अपना योगदान दे सकें। हम सभी को मिलकर काम करने वाले कारीगरों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

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