नेरवा, नोविता सूद। शिमला जिला के नागरिक उपमंडल चौपाल में 42वें एसडीएम के रूप में एचएएस अधिकारी नारायण सिंह चौहान ने पदभार संभाला है और इसके साथ ही एसडीएम कुपवी का अतिरिक्त कार्यभार भी उन्हें सौंपा गया है।
नारायण सिंह चौहान इससे पहले तहसीलदार, हिमाचल प्रदेश वित्तीय निगम और हिमाचल प्रदेश एससी/एसटी विकास निगम में कलेक्टर तथा जिला राजस्व अधिकारी के पद पर सोलन, ऊना, कांगड़ा और सिरमौर सहित प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं चुके है।
हंसमुख और सौम्य स्वभाव वाले तेजतर्रार अधिकारी नारायण सिंह चौहान को उनके द्वारा जनहित में किए गए उत्कृष्ठ कार्यों के लिए कई सामाजिक, धार्मिक, गैर–सरकारी और सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
जिला सिरमौर पांवटा साहिब तहसील के बनौर गांव में एक अति निर्धन किसान परिवार में पैदा हुए नारायण सिंह चौहान ने अपने पिता को महज 4 वर्ष की कच्ची उम्र में ही खो दिया था। परिवार की आर्थिक हालत इतनी दयनीय थी कि दो वक़्त की रोटी के भी भी लाले थे। नारायण सिंह चौहान को उनकी बड़ी बहन और जीजा अपने गांव ले गए।
वहीं पर सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवा दिया। अपने जीजा के गांव से स्कूल तक पहुंचने के लिए रोजाना 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा किया। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन को देखकर उनकी दीदी और जीजा ने अपनी खराब आर्थिक हालत की परवाह किए बगैर गुवाहाटी के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने तक का सारा खर्च उठाया।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नारायण सिंह चौहान ने लखनऊ और देहरादून की कुछ प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में करीब साढ़े तीन साल तक नौकरी की और इसके साथ–साथ मास्टर डिग्री और एमबीए की पढ़ाई को भी पूरा किया। इसी दरमियान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते रहे और अपनी मेहनत के दम पर हिमाचल प्रदेश सरकार में राजपत्रित राजस्व अधिकारी की नौकरी हासिल करने में कामयाब हुए।
नारायण सिंह चौहान ने बताया कि चौपाल में सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना और लोगो की समस्याओं का समाधान करना, इलाके में कृषि एवं बागवानी को और ज्यादा मजबूती प्रदान करना और चौपाल में पर्यटन को बढ़ावा देना, प्रदेश सरकार की सभी नीतियों, योजनाओं और निर्देशों को सही परिपेक्ष और तीव्रता के साथ लागू करना, क्षमता जवाबदेही और पारदर्शिता के तीन मूल सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करके लोगों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
1971 से लेकर अब तक 7 बार आईएएस अधिकारी और 34 बार एचएएस अधिकारी चौपाल में एसडीएम रह चुके हैं।