हमारी समस्त कलाएं देश की सनातन संस्कृति की संवाहक : मीनाक्षी लेखी

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शिमला। भारत देश की संस्कृति व सांस्कृतिक सहिष्णुता को बनाए रखने तथा इसके संवर्धन के लिए ऋषियों, मनिषियों व बौद्धिक जनों के श्रम के प्रति कृतज्ञ भाव प्रकट करना ही आजादी का अमृत महोत्सव का सही अर्थ है।

यह विचार केन्द्रीय विदेश मामले एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा गेयटी थियेटर में आयोजित कला संस्कृति संवाद उत्सव के अवसर पर व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि हमारी समस्त कलाएं, इस देश की सनातन संस्कृति की संवाहक है जिससे इस देश की विशिष्ट पहचान परिलक्षित होती है । उन्होंने कहा कि देश में नारी का सम्मान देह नहीं अपितु बौद्धिक क्षमताओं से किया जाता है । उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक योजनाएं आरम्भ की है जिनके माध्यम से महिलाओं के सम्मान की रक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सांस्कृतिक संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की है । उन्होंने संवाद के तहत रंगकर्मी संजय सूद द्वारा रेपेट्री के लिए धन की उपलब्धता के संबंध में कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आरंभ की गई इस रेपेट्री के लिए सांस्कृतिक मंत्रालय से उदात्त अनुदान उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने प्रियंका वैद्य व मृनाल द्वारा पूछे गए प्रश्नों के प्रति भी मंत्रालय की ओर से कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

उन्होंने गेयटी थियेटर में कार्यक्रम के दौरान नव कन्या पूजन कर कन्याओं का आर्शिवाद भी लिया।

शहरी विकास, आवास, ग्राम एवं नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने केन्द्रीय मंत्री का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि गोथिक शैली में बने गेयटी थियेटर में केन्द्रीय राज्य मंत्री द्वारा कन्या पूजन नारी शक्ति के सम्मान का अनुपम उदाहरण है । उन्होंने कहा कि संस्कृति को धरोहर मानकर आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें कलाकारों व संस्कृति मंत्री द्वारा किए जाने वाले परस्पर संवाद से निश्चित रूप से प्रदेश के कला कर्मियों व कला रसिकों को लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से प्रख्यात है जिसमें देवी शक्ति पीठ अधिक मात्रा में विद्यमान है ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश महिलाओं के सम्मान व आदर भाव के लिए पहचाना जाता है और देश में प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में नारी सम्मान के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने मीनाक्षी लेखी के आगमन व कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया।

निदेशक भाषा एवं कला संस्कृति विभाग डॉ पंकज ललित ने कहा कि देश की लोक संस्कृति व लोकानुरंजन हस्तशिल्प, हस्तकला व प्रत्येक क्षेत्र के महत्वपूर्ण विधाऐं विश्व विख्यात है ।

उन्होंने कहा कि भाषा व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा समय समय पर अनेक कार्यक्रम व गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किए जाते है । साहित्यकारों व कलाकारों में परस्पर संवाद कायम करने के लिए हर स्तर पर विभाग प्रयासरत रहता है।

राष्ट्रीय स्तर की अकादमी व सस्थानों के साथ सहयोग कायम कर विभिन्न विधाओं से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते है जिसमें राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के नामचीन लोगों के साथ प्रदेश के प्रख्यात व नवोदित साहित्यकारों व कलाकारों को मंच साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ।

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