ग्रामीण विकास मंत्री ने बल्क ड्रग पार्क सहित अन्य विकासात्मक योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार का किया आभार व्यक्त

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हिमाचल। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने यहां कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की डबल इंजन सरकार के कार्यकाल में प्रदेश का चहुंमुखी एवं तीव्र विकास सुनिश्चित हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गत दिवस ऊना जिला का दौरा हिमाचल प्रदेश और विशेषतौर पर ऊना जिला के लिए कई सौगातें देकर गया है।

वीरेन्द्र कंवर ने ऊना के हरोली में लगभग 1923 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान तथा दिल्ली से ऊना व अम्ब-अंदौरा तक भारत की अत्याधुनिक वंदे भारत रेल सेवा का शुभारम्भ करने के लिए केन्द्र सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क की स्थापना से जहां ऊना जिला देश व प्रदेश में प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में उभरेगा वहीं प्रदेश के लगभग 20 हजार युवाओं को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर तथा केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के भी सतत् एवं सराहनीय प्रयास रहे हैं।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत पांच वर्षों के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता प्रदान की है और कृषकों के हित में कई नवोन्मेषी योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में प्रदेश पूरे देश के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में उभरा है।

प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत 1.71 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और इस योजना पर 58.46 करोड़ रुपये व्यय कर 9421 हैक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत लाया गया है।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के प्रयासों से प्रदेश के 9.83 लाख से अधिक पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत लगभग 1931.63 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमज़ोर आवासहीन लोगों को मकान बनाने के लिए वर्ष 2018 से अब तक 7893 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत मकान स्वीकृत किए गए, जिस पर लगभग 58 करोड़ रुपये व्यय किए गए।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विशेष बल दिया गया और गांवों के सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य में बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में 850.17 करोड़ रुपये तथा 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर प्रथम किश्त के रूप में 214.50 करोड़ रुपये विभिन्न विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को प्रदान किए गए।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के मामले में सम्मानजनक वृद्धि की गई है। ग्राम पंचायत सदस्यों के बैठक भत्तें, सिलाई अध्यापिकाओं के मासिक पारिश्रमिक तथा पंचायत चौकीदारों के पारिश्रमिक में भी आशातीत बढ़ोत्तरी की गई है।

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