डॉ विकास बन रहे गठिया ग्रस्त लोगों की आस

Spread with love

शिमला। डा विकास शर्मा प्रदेश के सबसे बड़े इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में रिमोटोलॉजी विशेषज्ञ (आर्थिराइटिस) के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।

इनके काम करने का तरीका अपने आप में अलग है, जो कइयों के लिए वरदान तो कइयों के लिए प्रेरणात्मक है।
इनकी जब ओपीडी होती है तो मरीज को नंबर किसी सिफारिश के आधार पर नहीं मिलता बल्कि आपने पर्ची सुबह कब जमा करवाई और कब अपॉइंटमेंट ली है, इसके आधार पर मिलती है।

यह डॉ इतनी पर्चियां लेते हैं कि उन मरीजों के चेक करने के लिए इन्हें रात के 10 से 11 बजना आम बात हो गई है। प्रदेश के दूर दराज से इनकी ओपीडी में गठिया से ग्रसित मरीज पहुंचते हैं।

यह मरीज को अपना व्हाट्सएप नंबर दे देते हैं ताकि दूर दराज से आने वाले मरीज आईजीएमसी में आए बिना ही उनका मार्गदर्शन ले सकें। व्हाट्सएप पर ही मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट मंगवा लेते हैं और दवाई लिख देते हैं।

वहीं अगर कोई सीरियस प्रॉब्लम या केस हो तो फिर आईजीएमसी बुला लेते हैं।

उन लोगों के लिए वरदान या भगवान से कम नहीं हैं डा विकास जो आईजीएमसी जाने का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं। इनकी ओपीडी पांच बजने के बाद भी जारी रहती है। गठिया जैसी बीमारी के लिए हिमाचल में होमयोपैथी के उपचार करने वाले बेहिसाब हैं लेकिन एलोपैथी विशेषज्ञ बहुत ही कम हैं।

डा विकास शर्मा आज हजारों गठिया ग्रसित लोगों की आस बनकर उभर रहे हैं। इनकी कार्य प्रणाली मरीजों और तामीरदारों को बहुत पसंद आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: