ऋषिकेश में गणित पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

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ऋषिकेश। देश के समग्र विकास और समृद्धि के लिए समर्पित विद्युत क्षेत्र के अग्रणी उपक्रम के रूप में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हुए, निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर के विश्नोई ने बताया कि राष्ट्र को 24×7 स्वच्छ और किफायती विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के अपने लक्ष्य के साथ-साथ, टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड राज्य के विकास में भी एक सक्रिय खिलाड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।

शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा 10 मई को देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में गणित विभाग द्वारा आयोजित नॉनलीनियर विश्लेषण और अनुप्रयोगों (आईसीएनएए 2024) और प्राचीन भारतीय गणित पर संगोष्ठी पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference on Nonlinear Analysis and Applications (ICNAA 2024) & Symposium on ancient Indian Mathematics) का उद्घाटन किया गया।

उक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान जापान, दक्षिण अफ्रीका और नेपाल सहित कई देशों से आए प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने सम्मेलन में उपस्थित सभी को संबोधित किया और प्रतिभागियों के विविध समूह के साथ अपनी विशेषज्ञता भी साझा की।

इस अवसर पर विश्नोई ने कहा कि स्वर्गीय प्रोफेसर एस एल सिंह के सम्मान में आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य प्राचीन भारतीय गणित की गहन विरासत के साथ-साथ नॉनलीनियर विश्लेषण के क्षेत्रों का अन्वेषण करना है।

उन्होंने आगे बताया कि टीएचडीसीआईएल समय-समय पर विभिन्न पहलों के मध्यम से शिक्षा जगत को समर्थन और बढ़ावा देने में कार्यशील रहा है। यह सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी जानकारी प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) टीएचडीसीआईएल ने कृष्णा सिंह, विशिष्ट अतिथि और पत्नी स्वर्गीय प्रोफेसर एस एल सिंह; प्रोफेसर एम एस रावत, कैंपस निदेशक, प्रोफेसर अनीता तोमर, संयोजक; प्रोफेसर यासुनोरी किमुरा, तोहू विश्वविद्यालय, जापान, प्रोफेसर पी वीरमणि, आईआईटी मद्रास, प्रोफेसर कनहिया झा, काठमांडू विश्वविद्यालय नेपाल, अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

सम्मेलन को खास बताते हुए सिंह ने कहा कि यह बड़े सम्मान और गर्व का विषय है कि यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञ की स्मृति और सम्मान में आयोजित किया जा रहा है, जो साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से थे और उन्होंने उत्तराखंड राज्य में अपनी शिक्षा को निखारा।

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन श्रीनिवास रामानुजन्, आर्यभट, भास्कराचार्य, सत्येन्द्र नाथ बोस और डी आर कापरेकर जैसे दिग्गजों के योगदान का सम्मान करते हुए आज की पीढ़ी के साथ गणित के महत्व को साझा करने का एक मंच है।

उन्होंने सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या, डॉ ई श्रीधरन, के एल राव और हार्वे स्लोकम जैसे व्यक्तित्वों द्वारा देश की प्रतिष्ठित परियोजनाओं का नेतृत्व करने के लिए उनकी भी सराहना की।

सिंह ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड सामाजिक उत्थान और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। निगम प्रगति और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के महत्व में दृढ़ता से विश्वास करता है।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए टीएचडीसीआईएल द्वारा विभिन्न विषयों में क्षेत्रीय युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए भागीरथीपुरम, टिहरी में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना भी की गई है।

उन्होंने आगे बताया कि निगम के कॉरपोरेट समाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत, टीएचडीसीआईएल ने शिक्षा को बढ़ावा देने और एक शिक्षित भारत के सपने को साकार करने के लिए विभिन्न पहलों को शामिल किया गया है |

इसी के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर 850 से अधिक छात्र-छात्राओं हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 3 स्कूलों संचालन करना भी शामिल है।

ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं में रोजगार, कौशल और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र भी निगम द्वारा चलाये जा रहे हैं।

यह पहले शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को उनके बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने के टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

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