सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड पर आप पार्टी पर बोला सीधा हमला
हमीरपुर। पंजाब के लगातार बिगड़े हालातों के बीच लगातार बढ़ रही अराजकता में ऐसा लग रहा है कि आप पार्टी सरकार द्वारा विपक्ष को खत्म करने की सोची-समझी साजिश रची जा रही है। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के प्रख्यात गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जहां एक ओर यह साबित हो रहा है कि आप पार्टी पंजाब की जनता की रक्षा-सुरक्षा करने में नाकाम हो रही है।
वहीं दूसरी ओर सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी वापिस लेती दफा आप पार्टी इस बात को भी भूल गई है कि सिद्धू मूसेवाला देश के बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस के प्रत्याशी भी रह चुके हैं। जिस पार्टी की सरकार दो महीने पहले पंजाब में सत्तासीन थी।
लोकतंत्र में सरकारों का आना-जाना स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन आम जनता के साथ-साथ विपक्ष के लोगों की सुरक्षा सरकार का दायित्व है। ऐसा लग रहा है कि आप पार्टी सरकार विपक्ष को खत्म करने की साजिश में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में शामिल होने के आरोपों के कारण कटघरे में है।
ऐसे में सरकार की कारगुजारी पर सवाल उठना लाजमी है क्योंकि सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी अगर वापिस ली भी गई थी तो यह मामला कोई अखबारों में प्रचारित करने का नहीं था। जो कि आप पार्टी की सरकार ने झूठी वाहवाही लूटने के लिए किया है।
प्रख्यात गायक के साथ सिद्धू मूसेवाला विपक्षी पार्टी के नेता भी थे। ऐसे में मामले की संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है। पंजाब में विपक्षी नेताओं की सुरक्षा वापिस लेने के फैसले से किसको फायदा हुआ है, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद यह सवाल उठने लगा है।
राणा ने कहा कि पंजाब में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कहीं यह फैसला राजनीतिक बदले की मंशा से तो नहीं लिया गया था। जिसके जरिए विपक्ष के नेताओं से हिसाब-किताब बराबर किया जा रहा है।
राणा ने कहा कि पंजाब में बढ़ रही अराजकता व आतंकवादियों के फिर से सिर उठाने के कारण न केवल सीमा पर बैठे पंजाब को खतरा बढ़ा है बल्कि सरकार के गलत फैसलों से लोकतांत्रिक सिस्टम भी खतरे की जद में है।
राणा ने कहा कि पंजाब में बढ़ते अराजकता के घटनाक्रमों ने साफ करना शुरू कर दिया है कि अगर सत्ता की बागडोर गैर जिम्मेदार व स्वार्थी लोगों के हाथों में होगी तो न देश महफूज रहेगा, न पंजाब सुरक्षित रहेगा, न हिमाचल की शांति बरकरार रहेगी।