ऊना में आधे घंटे में ही फूंंक डाले 10 लाख, जनता में आक्रोश
धर्मशाला। प्रदेश के सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की आर्थिक हालातों पर रोने के बीच अब अली बाबा और उनके 40 चोरों के खजाने का राज जनता के समक्ष आने लग पड़ा है। पिछले डेढ़ वर्षों से लगातार बजट का रोना रोने वाली कांग्रेस सरकार ने रातों-रात कहाँ से खजाना खोज लिया या उगाही कर ली है। अब प्रदेश सरकार को इस विषय को लेकर जनता के साथ स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधानसनभा अध्यक्ष, भाजपा कांगड़ा-चंबा प्रभारी एवं सुलह विधानसभा के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में सरकार की ओर से कार्निवल सहित अन्य क्षेत्रों में कार्यक्रम करवाए जाने के नाम पर उगाही का खेल शुरू कर दिया गया है।
पूर्व विस अध्यक्ष ने कहा कि मैदानों को कमर्शियल रूप से आंबटित करके करोड़ों की राशि पहले ही प्राप्त कर ली जा रही है जबकि इसके बाद विभागों, संस्थाओं, संस्थानों सहित जनता से हर तरफ से उगाही की जा रही है, फिर गुपचुप तरीके से रात के अंधेरे में पैसों को लूटाने का खेल खेला जा रहा है।
परमार ने कहा कि हिमाचली कलाकारों को मौका देने की बजाय बाहरी कलाकारों, जिनके नाम ही लोगों ने कम सुने हैं, उन्हें पैसा लुटाया जा रहा है। ऊना में आधे घंटे में ही 10 लाख रुपए फूंक डाले हैं, लगातार इस तरह का खेल चल रहा है। ऐसे में अब जनता में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है, जिसका खामियाजा प्रदेश सरकार को भुगतना पड़ेगा।
भाजपा नेता विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के नाम पर बिना बजट कांगड़ा वैली कार्निवल का आयोजन कर रही है। लेकिन अब प्रदेश सरकार के मगरमच्छ के गडिय़ाली आसूंओं से पूरी तरह से पर्दा खुल गया है।
एक तरफ मीडिया में पैंशनर्ज को पेंशन नौ तारीख को देने का लालीपॉप दिया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ सीएम सुक्खू का अली बाबा व उनके 40 चोरों की जनता को लूटने वाली गुफा खजाने की असलियत अब सामने आने लगी है। अगर इस आयोजन के लिए बजट ही नहीं है, तो इसका आयोजन जरूरी भी नहीं है। कार्निवल के आयोजन के लिए पंचायतों से पैसा वसूलना ग्रामीणों का हक छीनना है।
भाजपा वरिष्ठ नेता विपिन सिंह परमार ने प्रदेश सरकार और जि़ला कांगड़ा प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब इस आयोजन के लिए बजट नहीं है, तो पंचायतों के साथ-साथ अन्य कई संस्थानों से पैसों की उगाही क्यों की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्तूबर माह में हो रहे इस आयोजन को न तो हम समर फेस्टिवल कह सकते हैं और न ही विंटर फेस्टिवल। विपिन परमार ने कहा कि इस कार्निवल का आयोजन पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया जा रहा है, जबकि हैरत की ही बात है कि इस समय कोई भी टूरिस्ट सीजन नहीं चल रहा है।
दूसरी ओर जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में सड़कों की हालत दयनीय है। रोज़ाना इन सड़कों से जिले के जिलाधीश सहित अन्य उच्चाधिकारी गुजरते हैं, लेकिन उनका ध्यान भी इन दिशाहीन सड़कों पर नहीं जा रहा है।
कृषि विवि की जमीन के हस्तांतरण पर लगी रोक पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने व्यापारी मित्रों को खुश करने के लिए ही कृषि विवि की जमीन को हथियाना चाहती है।