प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के अन्तर्गत राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई कृषि विभाग द्वारा जिला शिमला की बसंतपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चनावग के वार्ड नं 5 में 8-9 फरवरी को दो दिवसीय सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
पहले दिन आत्मा परियोजना के सहायक तकनीकी प्रबंधक रॉकी कुमार एवं प्रवीण कुमार ने किसानों का पंजीकरण करने के बाद प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सुभाष पालेकर जी द्वारा इजाद प्राकृतिक खेती प्रणाली से चाहे कोई भी खाद्यान्न, सब्जी या बागवानी की फसल हो, उसका लागत मूल्य ज़ीरो या लगभग न्यूनतम होगा।
फसलों की उपज लेने के लिए जिन जिन संसाधनों की आवश्यकता होती है ये सभी घर में ही तैयार किए जा सकते हैं। इसके साथ ही खेती में प्रयोग होने वाले बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत, कंदी अस्त्र, अग्नी अस्त्र को बनाने की विधि प्रयोग करते हुए सिखाई।
दूसरे दिन इस प्रशिक्षण शिविर का संचालन कृषि विभाग के उप परियोजना अधिकारी डॉ मुनीश सूद ने किया। उन्होंने पहले दिन तैयार किए गए सभी कृषि आदानों के बारे में किसानों को बहुत ही प्रभावी तरीके से विस्तार से बताया।
साथ ही प्राकृतिक कीटरोधक नीमास्त्र, अग्नी अस्त्र, ब्रह्मास्त्र और दशपर्णी के बारे में प्रयोग करते हुए जानकारी दी। उन्होंने त्यार की गई सभी प्राकृतिक खादों और प्राकृतिक कीटनाषकों का इस्तेमाल फसलों और पौधों पर किस तरह से करना है ये भी प्रयोग करते हुए समझाया।
इस शिविर में एफएससी मेंबर बसंतपुर ब्लॉक पूजा, ग्राम पंचायत प्रधान कृष्णा, उप प्रधान जगदीश गौतम, वार्ड सदस्य रमेश कुमार, ग्रामीण विकास सभा चनावग के अध्यक्ष जगदीश हरनोट व अन्य सदस्यगण, स्थानीय वरिष्ठ लोगों, महिलाओं, युवाओं सहित लगभग 40 किसानों ने भाग लिया।
जगदीश गौतम, कृष्णा शर्मा और जगदीश हरनोट ने उप परियोजना निदेशक डॉ मुनीश सूद से आग्रह किया कि इस तरह के प्रशिक्षण शिविर ग्राम पंचायत चनावग के अन्य चार वार्डों में भी लगाए जाएं ताकि अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा सके ताकि किसान ऑर्गेनिक सब्जियां और फसलें उगाकर स्वस्थ रह सके।