मैहतपुर(ऊना)। विशेष ओलंपिक भारत के जिला महासचिव एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग दिव्यांगों को उनके घरद्वार पर कोरोना वैक्सीन लगवाने का बंदोबस्त करे।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों से परिवार कल्याण विभाग का प्रमाण पत्र मांगना सरासर गलत है जबकि दिव्यांगजनों को स्वास्थ्य विभाग खुद प्रमाण पत्र जारी करता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा दिव्यांगों से परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी प्रमाण मांगना सर्वथा अनुचित है।
दिव्यांगजनों को इस वैश्विक महामारी के दौर में परेशानी न हो, प्रदेश सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
पंकज सहोड़ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का शिकार जिला ऊना के गांव जखेड़ा निवासी रोशन लाल को होना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित द्वारा जब इसकी शिकायत विशेष ओलम्पिक भारत के पदाधिकारियों से की गई तो आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दिव्यांग रोशन लाल को कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी जबकि इससे पहले विभाग द्वारा उन्हें टालमटोल करके वापस भेजा जा रहा था।
आश्रय संस्था देहलां (ऊना) के सुरेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को उन्हीं के विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्र के मुताबिक दिव्यांगजनों को कोरोना वैक्सीन लगाना चाहिए। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा घरद्वार पर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाना सुनिश्चित करना चाहिए।
विशेष ओलंपिक भारत के जिला महासचिव पंकज सहोड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार को जारी नोटिफिकेशन में सुधार करते हुए दिव्यांग जनों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही घरद्वार पर कोरोना वैक्सीन लगाया जाना चाहिए।