शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो अजय श्रीवास्तव ने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को पत्र लिख कर मांग की है कि कॉलेजों और स्कूलों के हॉस्टल में नए दाखिल हुए दृष्टिबाधित एवं चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग विद्यार्थियों को तुरंत आवास दिया जाए।
प्रो अजय श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना के कारण बन्द हुए शिक्षण संस्थान अब खुल गए हैं। लेकिन हॉस्टल में सिर्फ उन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है जो पहले भी वहां रह रहे थे। नया दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को बाद में हॉस्टल मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि अन्य विद्यार्थी तो किराए पर कमरा ले कर रह सकते हैं लेकिन दृष्टिबाधित एवं चलने-फिरने में असमर्थ विद्यार्थियों के लिए यह सम्भव नहीं होगा। उनके अनुसार विकलांगता कानून में उच्च शिक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष बीए में शिमला के आरकेएमवी कॉलेज में चार दृष्टिबाधित छात्राओं ने प्रवेश लिया है। इनमें चंबा की शालिनी, किन्नौर की मोनिका, रोहड़ू की किरण और सराहन की प्रिया शामिल हैं। इन सभी को तुरंत हॉस्टल देने के लिए उन्होंने आरकेएमवी कॉलेज की प्रिन्सिपल से अनुरोध किया है।
प्रो श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए शिक्षा निशुल्क कर दी है।
इसके बावजूद कुछ कॉलेजों और स्कूलों के सॉफ़्टवेयर में बदलाव नहीं किया गया है जिससे दिव्यांग विद्यार्थियों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पोर्टल तुरंत दुरुस्त किए जाएं।