बाल धर्म-गुरु रख रहे सरकार के सामने अपने मुद्दे

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जयपुर। बच्चों को जागरूक करने का एक मात्र लक्ष्य लिए सुशांत इस बार राजकीय माध्यमिक विद्यालय, की गोम्पा पहुंचे। यहाँ की एक खासियत है, यहाँ मात्र बाल बोद्ध संत ही शिक्षा प्राप्त कर सकते है।

हालाँकि इस विद्यालय की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार पर ही है। इतना ही नहीं यह विद्यालय जिला मुख्यालय से काफी दूर और चारों ओर बर्क के पहाड़ों से ढका है।

भले ही यह विद्यालय आपका मन मोह ले परन्तु यहाँ पहुंचना आसान नहीं है। यहाँ पहुँच उन्होंने पढ़ रहे बच्चों को बच्चों की सरकार कैसी हो अभियान के प्रति जागरूक किया और उन से राजनीति पर विचार जाने।

इसके साथ ही यहाँ मौजूद बाल धर्म-गुरुओं ने, अगर वह राज्य के शिक्षा मंत्री बनेंगे तो क्या करेंगे, यह भी बताया।

डिजिटल बाल मेला और एलआईसी द्वारा 12 जून को हिमाचल विधानसभा बाल सत्र का आयोजन होना है, जिसमें देश भर के 68 बच्चे एक दिन के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कमान अपने हाथों में लेंगे और अपनी समस्या देश और दुनिया के सामने रखेंगे।

बच्चों की सरकार कैसी हो अभियान के तहत होने वाले इस बाल सत्र के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए टीम हिमाचल के कोने-कोने तक पहुँच रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 8-17 वर्ष की आयु के बच्चे ही इस अभियान में भाग ले सकते है। इन बच्चों को बच्चों की सरकार कैसी हो विषय पर अपनी बात रखते हुए एक वीडियो बनानी है।

इस वीडियो को वेबसाइट पर रजिस्टर करना है, जिसके बाद जजेस की टीम बच्चे के वीडियो के आधार पर चुनाव करेगी।

इस अभियान के तहत होने वाले बाल सत्र का मौका हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दिया है।

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