नई दिल्ली। कोविड की तीसरी लहर आने का ख़तरा बना हुआ है, ऐसे में लोग अपनी फिटनेस, स्वास्थ्य और इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए तथा रोजमर्रा के कामो के लिए साइकिल चलाने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
डाक्टरों के अनुसार कोविड- 19 की वजह से माहौल असामान्य होने का खतरा बना हुआ है, इसलिए ऐसे में साइकिलिंग शारीरिक रूप से एक्टिव रहने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को बनाये रखने के लिए बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी साधन बना हुआ है।
महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक की मांग में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हीरो साइकिल इस बात की पुष्टि कर सकता है कि कोविड-19 की वजह से लोग साइकिल चलाने के लाभों के बारे में जागरूक हो रहे है और सभी आयु वर्ग के लोग साइकिलिंग में रुचि दिखा रहे हैं।
हालांकि भारत में कोविड के केस कम और ज्यादा होते रहते हैं, अक्सर ये केसेस ज्यादा बढ़ते रहते हैं इसलिए मेडिकल एक्सपर्ट चिंतित हैं क्योंकि भारत की मात्र 6% वैक्सीन के योग्य नागरिकों को वैक्सीन की दोनों डोज लग पायी है। 22% लोगों को केवल एक ही डोज लग पाया है।
संक्रमण फैलने की संभावना को कम करने के लिए डॉक्टरों ने हर्ड इम्युनिटी के लिए पूरे भारत में वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने का सुझाव दिया हैं।
चूंकि लोग जिम और इनडोर जगहों पर जाने से हिचकिचाते हैं, इसलिए साइकिल चलाने से उनमे इम्युनिटी बढ़ सकती है और पीठ दर्द और वजन बढ़ने जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। साइकिल से व्यक्ति स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकता है।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के डायरेक्टर और फाउंडर डॉ शुचिन बजाज ने स्वास्थ्य के मामले में साइकिलिंग के महत्व को बताते हुई अपनी राय रखी।
उन्होने कहा, “कोविड -19 की वजह से मौत का जो तांडव मचा उससे हम परिचित हो चुके हैं। कोविड की दूसरी लहर से हमारे देश के हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान कई लोगों की जान भी गई।
अब चूँकि कोविड की तीसरी लहर आने की सम्भावना है तो ऐसे में यह जरूरी है कि हम इस लहर के प्रति ज्यादा सावधान हो जाएँ। हमें एक एक्टिव लाइफ़स्टाइल की ज़रूरत है क्योंकि हमारी सुस्त दिनचर्या मोटापे और डायबिटीज़ जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे रही है, और ये समस्याएं कोविड से प्रभावित होने पर गंभीर कॉम्प्लिकेशन का कारण बनती हैं।
इसलिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए साइकिल चलाना सबसे अच्छा विकल्प है। साइकिल चलाने से लगभग सभी लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
साइकिल चलाने के दौरान गहरी सांस लेने से फेफड़ों को बेहतर तरीके से साफ करने में मदद मिलती है। जब वायरस से सुरक्षा की बात आती है तो साइकिलिंग सबसे उपयुक्त उपाय है। साइकिल चलाने से न केवल आप दूसरों से दूर रहते है बल्कि ऐसी सतहों को भी नहीं छूते हैं जिससे संक्रमण का ख़तरा रहता है।”
कोविड -19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान घर बैठे रहने से लोगों का वजन काफी बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मोटापा हर साल विश्व स्तर पर कम से कम 2.8 मिलियन लोगों को मारता है। हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट नियमित, मध्यम मेहनत वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, पालम विहार, गुरुग्राम के बैरियाट्रिक और लैप्रोस्कोपक , जनरल सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमित डी गोस्वामी ने कहा, “वजन बढ़ने या मोटापे के कारण हाई ब्लड प्रेशर (हाई ब्लड प्रेशर), हार्ट की बीमारी, स्ट्रोक, फैटी लीवर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इन अंडरलाइंग स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन से पीड़ित होने का ज्यादा ख़तरा रहता है। साइकिल चलाना और तेज चलना हार्ट के स्वास्थ्य और समग्र ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद कर सकता है और इस प्रकार हार्ट की बीमारी की गंभीरता को कम कर सकता है।
ये गतिविधियाँ ब्लड प्रेशर के लेवल को भी नॉर्मल करती हैं और ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रण में रखने में मदद करती हैं।
नियमित साइकिल चलाना और तेज चलना फैट और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साइकिलिंग मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने का एक शानदार तरीका है क्योंकि महामारी ने व्यापक मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है।
साइकिल चलाने और तेज चलने से व्यक्ति सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोकेमिकल्स में वृद्धि का अनुभव कर सकता है। ये न केवल वे मूड में सुधार करते हैं, बल्कि एंडोर्फिन की वृद्धि से मस्तिष्क के समान क्षेत्रों को दर्द निवारक के रूप में उत्तेजित कर सकते है।
हालांकि लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सभी कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए इन बाहरी गतिविधियों में शामिल हों।”
साइकिल चलाना एक बहुत ही उपयोगी गतिविधि है, इंसानों को हमेशा शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे शारीरिक क्षमताएं कम होती जाती हैं, वैसे ही इम्यूनिटी भी कमज़ोर होती जाती है, लेकिन साइकिल चलाने से इम्यूनिटी की कमज़ोरी को कम किया जा सकता है।
गतिविधि मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर कम प्रभावशाली है और इसे कोविड-19 के दौरान सबसे सुरक्षित और सबसे ज्यादा किए जाने वाले प्रैक्टिस में से एक माना जा सकता है।
इन्हीं लाभों को ध्यान में रखते हुए यूके ने देश के मोटापे के संकट से निपटने के लिए साइकिल चलाने और पैदल चलने जैसे परिवहन के सक्रिय साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रमुख नीतिगत पहल की शुरूआत की है, अगर इसी नीति को भारत में लागू किया जाता है तो यहां के 34 मिलियन से ज्यादा मोटापे से ग्रस्त लोगों को राहत मिल सकती है।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) की एक रिपोर्ट के अनुसार गंभीर रूप से ज्यादा वजन वाले लोगों को कोविड-19 से कॉम्प्लिकेशन और मौत का ज्यादा ख़तरा होता है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने और आईसीयू में भर्ती होने की ज्यादा संभावना होती है।
हीरो मोटर्स कम्पनी, एचएमसी, के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन पंकज मुंजाल ने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए साइकिल की भूमिका को बताते हुए कहा, ” साइकिल चलाने से सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करते हुए फिट रहने का सबसे अच्छा और आसान तरीका रहा है।
लोग साइकिल चलाना पसंद करते हैं क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ आपको फिट और सस्ता भी पड़ता है, इसके साथ ही साइकिल की सवारी करना भी मजेदार होता है।
साइकिल चलाने से हार्ट के स्वास्थ्य में सुधार, हड्डियों को मजबूत बनाने, अर्थरायटिस को बेहतर तरीके से मैनेज करने के साथ-साथ वजन घटाने सहित प्रमुख स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह तनाव से निपटने वाले लोगों के लिए एक आदर्श एक्सरसाइज है।
साइकिल की सवारी के बाद भावनात्मक प्रक्रिया बदल जाती है। हमें रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए साइकिल चलाने को प्रोत्साहित करना चाहिए , साइकिल का इस्तेमाल काम, स्कूल, बाजार जाने तथा फिट रहने और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए करना चाहिए।”
एचएमसी और हीरो साइकिल
HMC ग्रुप $1.2 bn एसेट बेस वाले एचएमसी ग्रुप का हिस्सा है और दुनिया भर में 10,000 से ज्यादा लोग इस दिग्गज साइकिल कंपनी हीरो साइकिल में काम करते हैं।
1956 में स्थापित हीरो साइकिल्स लिमिटेड आज दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गयी है। कंपनी के पास हर साल 6 मिलियन साइकिल की मैनुफक्चरिंग क्षमता है, जिसमें सबसे ज्यादा लुधियाना (पंजाब), बिहटा (बिहार), गाजियाबाद (यूपी) के साथ-साथ श्रीलंका में इंटेग्रेटेड प्लांट्स में बनती हैं।
एचएमसी ग्रुप का ब्रिटेन में एक डिजाइन सेंटर है और इसके अलावा कंपनी यूके बेस्ड एवोसेट स्पोर्ट्स, जर्मनी बेस्ड एचएनएफ और भारत में फायरबॉक्स बाइक्स का स्वामित्व रखती है एवोकेट स्पोर्ट्स हीरो साइकिल्स का पहला विदेशी अधिग्रहण था और इससे हीरो कंपनी यूरोपीय साइकिल बाजार में अपने पैर जमाये, HNF ने हीरो साइकिल्स को हाई-एंड इलेक्ट्रिक साइकिल्स में प्रवेश करने में मदद की।
दूसरी ओर फ़ायरफ़ॉक्स बाइक का अधिग्रहण भारत में तेजी से बढ़ते प्रीमियम साइकिल सेगमेंट में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हीरो कंपनी का एक रणनीतिक कदम था।