शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के मैनिफेस्टो में ना विजन और ना ही वजन, यह केवल प्रलोभन का पुलिंदा है।
कांग्रेस के मैनिफेस्टो का ना सिर है ना सिरा, यह मैनिफेस्टो आधारहीन एवं कोरी घोषणा है। काँग्रेस विजन लेस, थिंक लेस और डायरेक्शन लेस पार्टी है और कॉंग्रेस का मैनिफेस्टो इस पर मुहर लगाता है।
उन्होंने कहा महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण का आलाप गाने वाले इनके होनहार नेता अपने मैनिफेस्टो में महिलाओं को स्थान देना भूल गए।
कांग्रेस ने 2012 के अपने मैनिफेस्टो में बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं को ठगा था और इस बार महिलाओं की बारी है।
कांग्रेस नेताओं के प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपय देना, क्या काँग्रेस इसको महिला सशक्तिकरण का आधार समझती है?
कर्मचारियों की भावनाओं को भड़काकर, उनके कंधों पर बंदूक रख चुनावी गोली चलाने का काम कॉंग्रेस कर रही है। काँग्रेस भूल गई की यह हिमाचल के कर्मठ, संघर्षशील एवं प्रगतिशील कर्मचारी हैं, जो राज्य निर्माण में भाजपा के साथ खड़े हैं।
कॉंग्रेस ये बताए कि जो वादे उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता से किया थे क्या वो पूरे किये? राजस्थान में बड़ी-बड़ी बातें की किया कुछ नहीं । छत्तीसगढ़ में वादों का पहाड़ खड़ा किया हुआ कुछ नहीं। हिमाचल में झूठ का किला बना रहे, 12 नवंबर को यह भरभरा कर गिरने वाला है।
हिमाचल में झूठ का किला 12 नवंबर को एक बार फिर भरभरा कर गिरने वाला है।
एक बार फिर काँग्रेस ने प्रदेश की जनता को 10 गैरेंटियाँ दे रही है, पहले तो काँग्रेस के नेता यह बता दें कि इन गैरेंटियों को पूरा करने के लिए काँग्रेस के नेता कहाँ से 60 हजार करोड़ रुपय लेकर आएंगे?
कांग्रेस ने प्रदेश की महिलाओं से झूठे वादे किये हैं, महिलाओं को प्रति माह 1,500 मानदेय । इस योजना के तहत सालाना 3306 करोड़ रुपये एवं 5 साल में 16,530 करोड़ रुपए की राशि का खर्चा आएगा। काँग्रेस के नेता यह बताएं कि आखिर इस योजना के लिए बजट कहाँ से आएगा?
एक तरफ काँग्रेस के नेता रेवड़ियों की तरह गारंटीयां बाँट रहे हैं, दूसरी तरफ इन्हीं के सीनियर नेता आनंद शर्मा मीडिया में बयान देते हैं कि उनको पता ही नहीं की काँग्रेस द्वारा दी गई गारंटीयों को लेकर पैसा कहाँ से आएगा?
यह सिर्फ वादों का मायाजाल है जिसमें कॉंग्रेस प्रदेश की भोली भाली जनता को फाँसना चाहती है। ऐसे कोरे और हास्यप्रद वादे जनता से किये गए हैं, जिनका कोई वास्तविक स्वरूप नहीं।
कांग्रेस की घोषणाओं में क्या देंगे? कितना देंगे? कैसे देंगे? यह स्पष्टता नजर नहीं आती और पलटने में इनका स्टाइक रेट बहुत जायद है तो प्रदेश की जनता को इनसे बचकर रहना चाहिए।
कांग्रेस का पिछले चुनाव का बकाया अभी बाकी है, जनता इस चुनाव में उसका हिसाब करेगी।