शिमला। भाजपा के नगर निगम चुनाव के प्रभारी एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस गवर्नमेंट पूरी तरह कंफ्यूज है।
कांग्रेस द्वारा वोट बनाने की प्रक्रिया (Amendment in Vidhan Sabha Rule) को बदलना साफ दर्शाता है कि वह फ्रॉड वोट को बढ़ावा दे रहे हैं।
इनके नेता अधिकारियों के ऊपर दबाव डालकर 100 से 500 वोट तक अपने वार्ड में फ्रॉड बनवा रहे हैं। एक आधार कार्ड और किराएदार दिखाकर बड़ी संख्या में लोग शिमला में वोट बनाने का कार्य कर रहे हैं।
कांग्रेस ओछी राजनीति कर नगर निगम का चुनाव जीतना चाहती है, पर ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि 6 महीने में अगर एक व्यक्ति दो बार वोट दे तो यह ऑब्जेक्शनेबल है। हाल ही में हिमाचल में विधानसभा चुनाव हुए हैं और वही लोग नगर निगम में भी वोट डालेंगे यह ठीक नही है। कांग्रेस के नेताओं को यह समझना चाहिए।
यह सरकार कभी 2017 की वोटर लिस्ट के बारे में बात करती हैतो कभी 2022 की वोटर लिस्ट के बारे में।आज मतदाता चिंतित हैं। कांग्रेस नेता कभी कहते हैं कि मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव डायरेक्ट होंगे कभी कहते हैं इंडिरेक्ट होंगे, सच में यह सरकार कंफ्यूज है।
सरकार को यह भी देखना चाहिए कि सरकार नगर निगम अधिनियम 4 का उल्लंघन कर रही है, नगर निगम के चुनावों में एसा पहेली बार हो रहा है।
उन्होंने कहा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में गड़बड़झाला का संशय सामने आया है। वार्ड नंबर 5 समरहिल में एमसी लिमिट के बाहर के वोट भी बनाए जा रहे हैं जिससे कांग्रेस और वामपंथियों का असल चेहरा सामने आया है।
ब्लॉक लेवल ऑफिसर वोट को वेरीफाई किए बिना ही वोट बना रहे हैं। सरकार को अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। एक ही एड्रेस प्रूफ पर अनेकों वोटों का पंजीकरण हो रहा है, यह गलत है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा कांग्रेस की सरकार से निवेदन करती है कि नगर निगम चुनाव निष्पक्ष रुप से करवाए जाएं। वोट बनाने वाले सॉफ्टवेयर के ऊपर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है। कई स्थानों पर एक वार्ड के वोट पूर्ण रूप से दूसरे वार्ड में शिफ्ट हो रहे है।
विकास नगर और पंथाघाटी में ऐसा देखने को मिला।
उनके साथ विधायक बलबीर वर्मा, संजय सूद, रवि मेहता, डेजी ठाकुर और कर्ण नंदा उपस्थित रहे।