सीएमडी नंद लाल शर्मा की अगुवाई में नई बुलंदियां छू रहा एसजेवीएन

Spread with love

शिमला। एसजेवीएन अपने सीएमडी नंद लाल शर्मा की अगुवाई में हर वर्ष नई ऊंचाइयां छू रहा है। शिमला में आयोजित एक प्रैस वार्ता में नंद लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक का सबसे अधिक 3299 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया है जोकि गत वर्ष में 2626 करोड़ रुपए था। (25.62% की वृद्धि)।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 1363.45 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है जोकि गत वर्ष में 977.52 करोड़ रुपए था। (39.48% की वृद्धि)। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1732.13 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ दर्ज किया है जोकि गत वर्ष में 1343.44 करोड़ रुपए था, ( 28.93% की वृद्धि )। वर्ष 2022-23 में प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2.49 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर 3.47 रुपए हो गई है।

उन्होंने बताया कि एसजेवीएन ने वित्‍तीय वर्ष 2022- 23 के लिए 1.77 रुपए प्रति शेयर का लाभांश घोषित किया है।
नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन ने 106.653% का अधिकतम पीएएफ हासिल किया है। चारंका एसपीएस ने वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में 8.75 मि.यू. का अधिकतम वार्षिक उत्पादन हासिल किया है।

वित्‍तीय वर्ष 2022-23 के दौरान स्टैंडअलोन प्रचालन से राजस्व 2935.41 करोड़ रुपए हो गया जोकि गत वर्ष में 2421.96 करोड़ रुपए था। (21.19% की वृद्धि)।

वर्ष 2022-23 के दौरान विचलन निपटान तंत्र से कुल आय 43.63 करोड़ रुपए है, जो गत 5 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी आय के रूप में दर्ज की गई है। हमारे विद्युत स्टेशनों ने 8705 मिलियन यूनिट की कुल डिजाइन ऊर्जा को पार करते हुए 9335 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्‍पादन किया है, जो कि वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन द्वारा हासिल किया गया तीसरा उच्‍चत्‍तम विद्युत उत्‍पादन है।

एसजेवीएन के कारपोरेट मुख्यालय “शक्ति सदन” को 24 जून, 2022 में इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट “गृह” काउंसिल के लिए ग्रीन रेटिंग द्वारा फोर स्टार रेटिंग प्रदान की गई है।।वित्‍तीय वर्ष 2022-23 की तीसरी तथा चौथी तिमाही के लिए सभी प्रचालनरत विद्युत स्टेशनों से दर्ज कुल विद्युत उत्पादन क्रमशः 863 मि.यू. तथा 1407 मि.यू. है, जो संबंधित तिमाही के लिए दूसरा उच्चतम विद्युत उत्‍पादन है।

वित्‍तीय वर्ष 2022-23 के दौरान प्राप्य ट्रेड 45 दिनों के एमओयू लक्ष्य की तुलना में 35 दिन का है जो एसजेवीएन के अब तक के सर्वश्रेष्ठ निष्‍पादन को प्रदर्शित करता है।

हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन के दो सर्वोत्‍कृष्‍ट जलविद्युत स्टेशनों ने 18 जुलाई 2023 को एकल-दिवसीय विद्युत उत्पादन में 50.534 मि.यू. का सर्वकालिक उच्चतम रिकार्ड प्रदर्शित कर एक नया रिकार्ड बनाया है।

एसजेवीएन ने इस वर्ष महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ 200 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना क्षमता के लिए और 100 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ विद्युत खरीद करार पर हस्ताक्षर किए।

चल रहे 1000 मेगावाट बीकानेर एसपीपी से 500 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए पंजाब स्‍टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड के साथ विद्युत उपयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन ने सीएसआर गतिविधियों पर कुल 59.84 करोड़ रुपए का व्‍यय किया है, जो 36.46 करोड़ रुपए के संवैधानिक दायित्व से 23.38 करोड़ रुपए अधिक है।

एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2091.50 मेगावाट है, जिसमें 1912 मेगावाट जलविद्युत, 97.6 मेगावाट पवन विद्युत और 81.9 मेगावाट सौर विद्युत शामिल है।

कंपनी 86 किलोमीटर लंबी एक ट्रांसमिशन लाइन का भी प्रचालन कर रही है, जबकि नेपाल में अरुण-3 एचईपी से नेपाल-भारत सीमा पर बथनाहा तक 217 किलोमीटर लंबी एक अन्‍य ट्रांसमिशन लाइन निर्माणाधीन है।

आपने गत सभी रिकॉर्डों को पार करते हुए एसजेवीएन ने वर्ष के दौरान 8,240 करोड़ रुपए का कैपेक्‍स हासिल किया है।

एसजेवीएन ने नवंबर 2022 में जोखिम प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए आईएसओ 31000:2018 प्रमाणन हासिल किया है, जो इसे 25 नवंबर, 2022 को जोखिम प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ 31000:2018 कार्यान्वित करने वाला पहला सीपीएसई बनाता है।

एसजेवीएन दिनांक 6 अप्रैल 2023 को एसईसीआई, एनटीपीसी और एनएचपीसी के बाद चौथी नवीकरणीय विद्युत कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए) बन गई है।

एसजेवीएन को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा रिश्वत-रोधी प्रबंधन प्रणाली (एबीएमएस) प्रमाणन से सम्मानित किया गया है, एसजेवीएन 13 सितंबर, 2023 को यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला विद्युत क्षेत्र का प्रथम पीएसयू बन गया है।

2022 में ने भारतीय रेलवे के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकासार्थ आरईएमसी लिमिटेड और बीएचईएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

16 मई 2022 एसजेवीएन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की उपस्थिति में नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 एचईपी के विकासार्थ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

24 अगस्त 2022 एसजेवीएन ने राजस्थान राज्य में 10 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों विकसित करने के लिए राजस्थान सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

18 अक्‍तूबर 2022 एसजेवीएन ने अपनी पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजीईएल के माध्‍यम से एपीडीसीएल के साथ एक संयुक्त उपक्रम स्‍थापित करके असम में 1000 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकासार्थ गुवाहाटी में एक एमओयू हस्ताक्षरि‍त किया।

15 मार्च 2023 एसजेवीएन ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, जिसमें सौर, पवन, जलविद्युत और हाइब्रिड विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं, के विकास के लिए संयुक्त उपक्रम (जेवी) के गठन के लिए इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

23 मई 2023 को एसजेवीएन ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए गोवा सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

15 जून 2023 को एसजेवीएन ने महाराष्ट्र राज्य में 5000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महाजेनको) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

21 जुलाई 2023 को एसजेवीएन ने, एसजेवीएन और इसकी अधीनस्‍थ कंपनियों और संयुक्त उपक्रमों की परियोजनाओं को 50,000/- करोड़ रुपए की सीमा तक वित्त-पोषित करने के लिए आरईसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

3 अगस्त 2023 को एसजेवीएन ने सिक्किम में एसयूएल की 1200 मेगावाट की तीस्ता-III जल विद्युत परियोजना से वितरण लाइसेंसधारियों और ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए 180 मेगावाट जल विद्युत के कारोबार के लिए सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड (एसयूएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

10 अगस्त 2023 को एसजेवीएन ने सौर पार्कों और परियोजनाओं के विकास के लिए ऑयल एंड नैचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) और हिंदुस्तान साल्ट्स लिमिटेड की अधीनस्‍थ कंपनी सांभर साल्ट्स लिमिटेड (एसएसएल) के साथ अलग-अलग एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

12 अगस्त 2023 को एसजेवीएन ने राज्य में 5097 मेगावाट की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

20 सितंबर 2023 को एसजेवीएन ने आरई एवं थर्मल परियोजनाओं को 1,18,000/- करोड़ रुपए की सीमा तक वित्त-पोषित करने के लिए पीएफसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए

8 मई 2022 को दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल द्वारा वर्ष के सबसे कुशल और लाभदायक मिनी रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

30 जून 2022 को स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड 2022 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।

25 अगस्त 2022 को पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ग्रीनटेक अवार्ड से सम्मानित।
28 अगस्त 2022 12वें एक्सीड एनवायरनमेंट, एचआर एंड सीएसआर अवार्ड्स 2022 में दो ‘गोल्ड अवार्ड्स’ से सम्मानित।

23 दिसंबर 2022 को एसजेवीएन के सर्वोत्‍कृष्‍ट 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन को असाधारण निष्‍पादन के लिए ‘बेस्ट परफॉर्मिंग हाइड्रो सेक्टर प्रोजेक्ट’ अवार्ड से सम्मानित किया गया।

18 जनवरी 2023 को द्वितीय वार्षिक ग्रीनटेक लीडिंग डायरेक्टर अवार्ड्स 2023 के दौरान प्रतिष्ठित लीडिंग डायरेक्टर अवार्ड से सम्मानित।

19 जनवरी 2023 को ग्रीनटेक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा (ईएचएस) बेस्‍ट प्रैक्टिसेस अवार्ड 2023 से सम्मानित।

3 मार्च 2023 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) द्वारा जल, विद्युत एवं आरई क्षेत्र के विकास में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए सीबीआईपी व्यक्तिगत अवार्ड तथा जलविद्युत क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ निष्‍पादन करने वाली ईकाई के लिए सीबीआईपी अवार्ड से सम्मानित।

11 अप्रैल 2023 14वें सीआईडीसी विश्वकर्मा अवार्ड 2023 में ‘सामाजिक विकास एवं प्रभाव हेतु उपलब्धि अवार्ड’ और ‘सीआईडीसी पार्टनर्स प्रोग्रेस ट्रॉफी’ से सम्मानित।

15 जुलाई 2023 को स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड 2023 में प्रथम पुरस्‍कार से सम्मानित।

11 अगस्त 2023 को ईक्यू इंटरनेशनल द्वारा पीएसयू श्रेणी के तहत सौर क्षेत्र में प्रतिष्ठित डेवलपर ऑफ द ईयर प्लैटिनम अवार्ड से सम्मानित।
17 अगस्त 2023 वर्ष 2022-23 के लिए एनटीपीसी राजभाषा शील्ड के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।

एसजेवीएन का परिचय

मिशन: वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट
साझा विजन: वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के एक संयुक्‍त उपक्रम के रूप में एसजेवीएन लिमिटेड की स्‍थापना 24 मई 1988 को हुई थी। कंपनी वर्ष 2010 में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हुई।

भारत सरकार के पास 55% शेयर, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास 26.85% शेयर और शेष 18.15% शेयर जनता के पास हैं। एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्‍त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए, जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है।

स्थापना के बाद से, एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना का निर्माण शुरू किया। भारत के सबसे बड़े भूमिगत विद्युत गृह वाले इस जलविद्युत स्टेशन को वर्ष 2003-04 में कमीशन किया गया था।

तब से, एसजेवीएन ने छह और पावर स्टेशन कमीशन किए हैं जिनमें हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन, महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट का खिरविरे पवन ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 5.6 मेगावाट का चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 50 मेगावाट का सादला पवन ऊर्जा स्टेशन, उत्तर प्रदेश में 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा स्टेशन और हिमाचल प्रदेश में 1.31 मेगावाट ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा स्टेशन और 310 किलोवाट ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र है। 27 सितम्बर, 2023 को 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित की गई ।

एसजेवीएन ने एकल राज्य में एकल परियोजना प्रचालन के साथ शुरुआत की थी, लेकिन आज यह भारत के विभिन्न राज्यों में विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है और पड़ोसी देश नेपाल में परियोजनाओं को कार्यान्वित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रवेश किया है।

एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2091.50 मेगावाट है। इसके अलावा, 86 किलोमीटर लंबी एक ट्रांसमिशन लाइन और अरुण-3 एचईपी से 217 किलोमीटर लंबी एक अन्‍य ट्रांसमिशन लाइन निर्माणाधीन है, जबकि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 210 मेगावाट लूहरी एचईपी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

वर्तमान में, एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो जिसमें 85 परियोजनाएं और 3 ट्रांसमिशन लाइनों से युक्‍त, 58144 मेगावाट है, जिसमें से 2091.5 प्रचालनाधीन है और शेष परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।

अधीनस्थ कंपनियां

एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) – नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नेपाल में स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।

एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) – बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल विद्युत परियोजना के निष्पादन के लिए स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।

एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) – नवीकरणीय परियोजनाओं के निष्पादन के लिए स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।

संयुक्त उपक्रम

क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीपीटीसी) – मुजफ्फरपुर से नेपाल कनेक्‍शन बिन्‍दु तक तथा मुजफ्फरपुर सब स्‍टेशन में बे-एक्‍सटेंशन तक 86 किमी लंबी, ट्विन मूस, 400 केवी डी/सी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण एवं रखरखाव करने के लिए।

प्रचालनाधीन परियोजनाएँ

1) 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन
यह भारत का सबसे बड़ा भूमिगत विद्युत स्टेशन है जो मई 2004 से पूर्णत: प्रचालनाधीन है। एनजेएचपीएस की डिजाइन ऊर्जा 6612 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष है। एनजेएचपीएस 1500 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाला भारत का सबसे बड़ा भूमिगत हाइड्रो-इलेक्ट्रिक विद्युत स्टेशन है।

2) 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन
यह एसजेवीएन का दूसरा ऑपरेटिंग जलविद्युत स्टेशन है और एक कैस्केड प्लांट के रूप में नाथपा झाकड़ी विद्युत स्टेशन के साथ अग्रानुक्रम में प्रचालित होता है। 412 मेगावाट रामपुर एचपीएस की डिज़ाइन ऊर्जा 1878 मिलियन यूनिट है।

3) 47.6 मेगावाट खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन
यह महाराष्ट्र के अहमदनगर में 47.6 मेगावाट क्षमता का एसजेवीएन का पहला पवन ऊर्जा स्टेशन है। यह स्टेशन वर्ष 2014 में कमीशन किया गया था और यह महाराष्ट्र राज्य ग्रिड को 47.6 मेगावाट विद्युत प्रदान कर रहा है।

4) 50 मेगावाट सादला पवन ऊर्जा स्टेशन
इसकी स्थापित क्षमता 50 मेगावाट है और यह सादला, गुजरात में है। यह एसजेवीएन का दूसरा पवन ऊर्जा स्टेशन है। परियोजना के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ विद्युत खरीद करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

5) 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन
यह एसजेवीएन का 5.6 मेगावाट क्षमता का पहला सौर ऊर्जा स्टेशन है जिसे मार्च 2017 में गुजरात के चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन में स्थापित किया गया था।

6) 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा स्टेशन, एनजेएचपीएस वाधाल में 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र और एनजेएचपीएस के सर्ज शाफ्ट पर 310 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित और कमीशन किया गया है। दोनों पावर स्टेशन ग्रिड से जुड़े हुए हैं।

7) 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा स्टेशन
उत्तर प्रदेश में अवस्थित 75 मेगावाट की यह परियोजना 24 नवंबर, 2022 को कमीशन की गई है।

8) 400 केवी, डी/सी क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन
भारत-नेपाल क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन लाइन परियोजना का भारतीय भाग अर्थात 400 केवी की मुजफ्फरपुर सुरसंद पावर ट्रांसमिशन लाईन(86 कि.मी.), डी/सी मुजफ्फरपुर-ढालकेबार फरवरी,2016 से प्रचालनाधीन है।

निर्माणाधीन परियोजनाएँ

1) 900 मेगावाट अरुण-3 एचईपी
यह पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में अरुण नदी पर अवस्थित है। यह परियोजना सालाना 3924 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन की गई है। एसजेवीएन ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से यह परियोजना हासिल की।

एसजेवीएन अरुण- 3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) को परियोजना की आयोजना, स्‍थापना और निष्पादित करने के उद्देश्य से नेपाली कंपनी अधिनियम, 2063 के तहत 25.04.2013 को पंजीकृत किया गया था।

2) 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी एचईपी

यह परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुना की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस पर स्थित है। इसे रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट के रूप में डिज़ाइन किया गया है और इसमें 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 213 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।

नैटवाड़ मोरी एचईपी के निष्पादन के लिए 21.11.2005 को उत्तराखंड सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 27 सितम्बर, 2023 को 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित की गई ।

3) 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल पावर परियोजना
बिहार के जिला बक्सर के ग्राम चौसा में 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विकास के लिए 17.01.2013 को एसजेवीएन, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड और बिहार पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

एसजेवीएन ने 04.07.2013 को परियोजना क्रियान्वयन कंपनी बक्सर बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण किया। 17.10.2013 को बक्सर बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का नाम बदलकर एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) कर दिया गया, जो एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी है।

4) 210 मेगावाट लूहरी एचईपी चरण-1

यह 210 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली रन-ऑफ-द-रिवर योजना है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में नीरथ गांव के पास सतलुज नदी पर अवस्थित है। यह परियोजना 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 758 मि.यू. विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करेगी।

परियोजना का वित्तीय समापन 28.02.2022 को प्राप्‍त किया गया और भारतीय स्टेट बैंक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मुख्य सिविल और एचएम कार्यों के लिए ईपीसी पैकेज 24.11.2020 को मेसर्स लुहरी हाइड्रो पावर कंसोर्टियम को प्रदान किया गया।

5) 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी

66 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में ब्यास नदी पर स्थित है। यह परियोजना एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है और 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 304 मि.यू. विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ 25.09.2019 को एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए।

6) 382 मेगावाट सुन्नी बांध एचईपी

यह हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में खैरा गांव के पास सतलुज नदी पर अवस्थित एक रन-ऑफ-द-रिवर प्रकार की परियोजना है। यह परियोजना 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 1382 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करेगी। 25.09.2019 को हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

7) 70 मेगावाट बागोदरा सौर ऊर्जा परियोजना
यह 70 मेगावाट क्षमता की एक परियोजना है जिसे 26.03.2021 को गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल किया गया था।

8) सीपीएसयू योजना के तहत 1000 मेगावाट की सौर परियोजना

सितंबर 2021 में, एसजेवीएन ने सीपीएसयू योजना के तहत प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 2.45 रुपए/यूनिट के टैरिफ पर 1000 मेगावाट सौर परियोजना और 44.72 लाख प्रति मेगावाट की वायबेलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) हासिल की। ईपीसी को मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम लिमिटेड को प्रदान किया गया था।

9) 75 मेगावाट गुरहा सौर ऊर्जा परियोजना
एसजेवीएन ने यह परियोजना उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल की।

10) 50 मेगावाट गुजराई सौर ऊर्जा परियोजना
एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं हासिल कीं।

11) 100 मेगावाट राघनेस्‍दा सौर परियोजना
एसजेवीएन ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से इस परियोजना को हासिल किया, जिसे गुजरात में राघनेस्‍दा सोलर पार्क में विकसित किया जाएगा।

12) 90 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट
एसजेवीएन ने यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर यूनाइटेड (आरयूएमएसएल) ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल की।

13) 100 मेगावाट पंजाब सौर परियोजना
एसजेवीएन ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से पंजाब में 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना हासिल की।

14) 15 मेगावाट नंगल एफएसपी

15 मेगावाट फ्लोटिंग एसपीपी की यह परियोजना नंगल में बीबीएमबी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में विकसित की जाएगी।

भावी प्रयास

एसजेवीएन ने वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट की कंपनी बनने के एक नए मिशन की परिकल्पना की है। यह कंपनी को पूरे भारत में सौर, पवन, हाइब्रिड, फ्लोटिंग सोलर, महासागर हाइब्रिड प्लेटफार्मों में विविधता लाकर नवीकरणीय पोर्टफोलियो को बढ़ाने में सक्षम बनाएगा।

अधिकतर अवसर प्रति वर्ष 1-1.5 गीगावॉट की दर से परियोजनाएं जोड़ने के लिए सौर, पवन और हाइब्रिड (सौर+पवन) के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं के रूप में हैं। इसके अलावा, एसजेवीएन सरकारी एजेंसियों से परियोजनाओं के सीधे आवंटन की भी उम्मीद कर रहा है।

समाज के प्रति दायित्‍व

एसजेवीएन ने कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुरूप और भारत सरकार के स्वच्छता एवं राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने के निर्देशों के अनुरूप कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एवं सततशीलता नीति तैयार की है और उसका पालन किया है। भारत के एक जिम्मेदार निकाय के रूप में, एसजेवीएन ने सीएसआर को सदैव प्राथमिकता पर रखा है।

सीएसआर और सततशीलता कार्यक्रमों पर “एसजेवीएन फाउंडेशन’ के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल एवं स्वच्छता, संस्कृति का प्रचार एवं संरक्षण, शिक्षा एवं कौशल विकास, विरासत और खेल, समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण, सतत विकास, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता
संरचनात्‍मक और सामुदायिक विकास पर ध्यान दिया जाता है।

सीएसआर के तहत हिमाचल प्रदेश में महत्‍वाकांक्षी जिला चंबा का विकास

एसजेवीएन ने एक मजबूत फ्रेमवर्क के मूल्य एवं आवश्यकता को महसूस करते हुए सर्वोत्तम अभिशासन प्रथाओं को विकसित और कार्यान्वित किया है। वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन ने कारपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व शीर्षों पर 59.84 करोड़ रुपए व्‍यय किए हैं।

स्थापना के समय से आज तक; एसजेवीएन ने एसजेवीएन फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न विकासात्मक सीएसआर गतिविधियों और कार्यक्रमों पर 430 करोड़ रुपए से अधिक व्‍यय किए हैं।

एसजेवीएन ने सीएमओ, चंबा और मेडिकल कॉलेज चंबा को कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक विभिन्न चिकित्सा वस्तुएं प्रदान कीं और वित्तीय सहायता के रूप में डीसी चंबा को 39.73 लाख रुपए जारी किए।

जिला चंबा में स्तनपान कराने वाली और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण एवं स्वास्थ्य किट पर 100.70 लाख रुपए खर्च किए गए। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एसजेवीएन ने 295.89 लाख रुपए की राशि से चंबा जिले के 10 ब्लॉकों में स्थित 17 प्राथमिक विद्यालय भवनों का निर्माण किया।

इसके अलावा एसजेवीएन ने जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय युवाओं को प्रतिस्‍पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता के लिए 86.40 लाख रुपए की लागत से शैक्षिक ब्लॉक स्तर पर 18 पुस्तकालय स्थापित किए।

बेहद चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूविज्ञान में काम करने के बावजूद, एसजेवीएन सभी क्षेत्रों में नवीनतम आधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है, जैसे किसी भी मात्रा की जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा, अनुकूलन और विकास के लिए विशेषज्ञता प्राप्त करना।

कंपनी परियोजनाओं के क्रियान्वयन विशेषकर उनके निर्माण चरण पर पूरा जोर देती है। प्रबंधन उन परियोजनाओं के लिए अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है जो निर्माण-पूर्व और निवेश अनुमोदन चरण में हैं।

एसजेवीएन अपने उद्देश्य पर कायम है और व्यावसायिकता, जवाबदेही, सततशीलता, टीम भावना, उत्कृष्टता, नवाचार और विश्वास के अपने प्रमुख मूल्यों पर काम करने में विश्वास रखता है।

एसजेवीएन में हम वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के अपने नए मिशन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को प्राप्त करने के लिए निरंतर अग्रसर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: