शिमला। हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के तहत गांव गलोड़ में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया।
इस अवसर पर स्थानीय निवासी चरण दास ने राज्य सरकार के राजस्व लोक अदालत कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि उनके तकसीम के एक पुराने मामले का निपटारा हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उन लोगों की आवाज बने हैं, जिनकी आज तक कोई आवाज नहीं थी। इस पर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूछा कि उनका काम ठीक से गया, तो चरण दास ने कहा, सीएम साहब, जहां आप वहां गलत कैसे हो सकता है?
वहीं आपदा प्रभावित बुजुर्ग महिला ज्ञानी देवी ने आपदा राहत राशि के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि राज्य सरकार की मदद से अब टूटा हुआ मकान दोबारा बन जाएगा। बुजुर्ग महिला ने कहा कि भगवान मुख्यमंत्री को लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य दे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से आपदा प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज प्रदान किया है, ताकि उनकी पीड़ा को कम किया जा सके। नियमों को बदल कर राज्य सरकार ने यह राहत पैकेज प्रभावित परिवारों को मुआवजा बढ़ाकर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लाभार्थी दीपक शर्मा ने मुख्यमंत्री का इस योजना के लिए धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें हिमाचल प्रशासन सेवाओं (एचएएस) की परीक्षा की कोचिंग के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिल रही है। साथ ही 4000 रुपए प्रति माह पॉकेट मनी के रूप में अब तक 16 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं।
इसी योजना के एक अन्य लाभार्थी शुभम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का लाभ उन्हें भी प्राप्त हो रहा है। इस योजना के अतंर्गत उन्होंने विवाह के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया है। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि विवाह के लिए कितनी आर्थिक सहायता मिलती है।
शुभम ने बताया कि राज्य सरकार दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुख आश्रय योजना के तहत 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपए तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को 4 हजार रुपए प्रतिमाह पॉकेट मनी के रूप में दे रही है।
उनकी शादी तथा स्टार्ट-अप के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी और 3 लाख रुपए आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं।