भुभुजोत सहित प्रदेश में तीन प्रमुख सुरंगों के निर्माण की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार सायं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने एनएचएआई को राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि आपदा के कारण मंडी-मनाली फोरलेन, विशेषकर पंडोह के पास कैंची मोड़ में सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और यह निर्देश दिए कि बहाली कार्यों में और तेज़ी लाने के लिए इस फोरलेन के संवेदनशील बिंदुओं पर अतिरिक्त अधिकारियों को तैनात किया जाए।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे के दृष्टिगत मंडी-मनाली राजमार्ग को अस्थायी रूप से बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्या के स्थायी समाधान के लिए आने वाले समय में मंडी जिले में कैंची मोड़ के नीचे सुरंग बनाने की संभावनाएं तलाशी जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सेब सीजन चल रहा है और किसानों की उपज को समय पर मंडियों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लाहौल क्षेत्र में आलू की फसल भी तैयार हो जाएगी और राष्ट्रीय राजमार्गों की समय पर बहाली के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में तीन प्रमुख सुरंगों के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा और कुल्लू घाटी को जोड़ने के लिए घटासनी- शिल्ह- बुधाणी-भुभु जोत सुरंग का निर्माण किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह सुरंग न केवल पर्यटन की दृष्टि से वरदान साबित होगी बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है क्योंकि इससे कांगड़ा से मनाली के बीच की दूरी लगभग 55 किलोमीटर कम हो जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि चंबा जिले में चुवाड़ी-चंबा सुरंग और भावा घाटी से पिन घाटी को जोड़ने वाली सुरंग राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सुरंगें पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा सभी मौसमों में सड़क सम्पर्क बनाए रखने में सहायक होंगी।

मुख्यमंत्री ने शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा क्योंकि इससे प्रदेश के आठ जिलों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सड़क के सौंदर्यकरण में बढ़ोतरी के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप अथवा पांच मीटर का मध्याह्न सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या प्रति वर्ष 5 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों के साथ परवाणु-सोलन फोरलेन की चर्चा करते हुए कहा कि ढलानों में बेहतर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इनकी कटाई तकनीकी रूप से की जाए।

उन्होंने कहा कि एनएचएआई को राजमार्गों पर ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज का निर्माण कर पानी की उचित निकासी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने बाढ़ के कारण सोलन जिले के बद्दी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए दो पुलों के जीर्णोद्धार में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने नालागढ़-भरतगढ़ सड़क को फोरलेन बनाने पर बल दिया, जो दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरे पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन बनाया जाना चाहिए क्योंकि टुकड़ों में इस राजमार्ग को फोरलेन बनाने से यातायात के सुचारू प्रवाह में समस्या होगी।

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