शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से यहां केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बी बी स्वैन ने भेंट की। इस अवसर पर आयोजित बैठक में प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है। प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए बेहतर पारिस्थितिकीय तंत्र विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत चालित वाहन, पर्यटन, ग्रीन हाईड्रोजन, हरित प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय क्लस्टर विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में कैन एवं बांस पर आधारित, पारम्परिक फुटवियर, चाय आधारित, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण इत्यादि क्षेत्रों में क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि टाहलीवाल, परवाणु, जीतपुर बैहरी, खड़ीन और गौंदपुर में क्लस्टर स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त बद्दी तथा हरोली में भी दो क्लस्टर की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि इन क्लस्टर में आधारभूत संरचना के विकास के लिए 10 दिन के भीतर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजना सुनिश्चित करें।
इसके अतिरिक्त रणनीतिक निवेश नीति (एसआईपी) के तहत प्रस्ताव तैयार कर जुलाई, 2023 तक केन्द्र सरकार को भेंजे। इससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में अनुमानित 150 करोड़ से 200 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी।
बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर भी विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने इस योजना के अन्तर्गत कारीगरों के लिए सहायता राशि 75 हजार से बढ़ाकर न्यूनतम दो लाख रुपये करने तथा औजार इत्यादि के लिए सहायता राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का आग्रह किया।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर की कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी चर्चा की गई।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।