छोटे राज्यों के हकों को दबाया नहीं जाना चाहिए : मुख्यमंत्री

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां एक निजी न्यूज चैनल के ‘मंच’ कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि छोटे राज्यों के हकों को दबाया नहीं जाना चाहिए और हिमाचल को उसके अधिकार मिलने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बावजूद बीबीएमबी में हिमाचल के हक नहीं मिल रहे हैं तथा पंजाब व हरियाणा को छोटे भाई हिमाचल का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किशाऊ जल विद्युत परियोजना में वाटर कम्पोनेंट आधार पर पावर कम्पोनेंट में 90ः10 केन्द्र तथा राज्य सरकार को फंड करने अथवा राज्य के हिस्से में सभी पावर कम्पोंनेट में 50 वर्ष तक ब्याजमुक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का अनुरोध भी केन्द्र से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की सभी को खुशी है लेकिन इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भगवान राम सभी के आराध्य हैं और सरकारें उनके आदर्शों पर चलें।

उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी की, जबकि प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में पूरे दिन का अवकाश घोषित किया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लंबित राजस्व मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने के लिए प्रदेश भर में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही जन समस्याओं के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम आरंभ किया गया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने हिमाचल को कर्ज के दलदल में धकेला। वर्तमान सरकार ने अपने 14 माह के कार्यकाल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए, जिससे धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है।

उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का बजट प्रदेश को समृद्धि व खुशहाली की राह पर ले जाने की उसकी सोच को दर्शाता है। वर्तमान राज्य सरकार ने पहले ही बजट में प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों व जलवायु के अनुरूप हरित उद्योगों को प्रोत्साहन के दृष्टिगत अनेक प्रावधान किए।

राज्य सरकार ई-वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है और ई-टैक्सी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। हिमाचल में छह ग्रीन कोरिडोर बनाए जा रहे हैं और चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के चार हजार से अधिक अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की है। इसके साथ ही 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है।

अगले शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई शुरू होगी। उन्होंने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख रुपए तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 14 माह के कार्यकाल में समाज के अंतिम व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का सफल प्रयास किया है। समाज का जो वर्ग अपनी आवाज नहीं उठा सकता, उस तक भी सरकार पहुंची है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली बरसात में प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी तबाही देखी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को समुचित सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर अपने सीमित संसाधनों से, 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी कर मुआवजा कई गुणा बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ व भुज त्रासदी के दौरान केंद्र सरकार ने विशेष राहत पैकेज दिया, लेकिन हिमाचल में आई इस आपदा पर राज्य को कोई भी विशेष मदद प्रदान नहीं की गई, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।

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