चौपाल विधानसभा के पुराने क्षेत्र को जनजातीय घोषित करने को लेकर महा खुम्बली का आयोजन

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नेरवा,नोविता सूद। चौपाल विधानसभा के पुराने क्षेत्र को जनजातीय घोषित करने को लेकर क्षेत्र के लोगों ने आवाज बुलंद कर दी है। मांग को लेकर कुपवी स्थित शिरगुल महाराज के मंदिर प्रांगण में एक महा खुम्बली का आयोजन किया गया।

महा-खुंबली में चेहता, धार-चांदना, नेवल और किरण सहित कुल 6 परगने की 26 पंचायतों के हज़ारों ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान इलाक़े के सभी जैलदारों, नंबरदारों और पंचायत के प्रधानों ने भी एक स्वर में सिरमौर ज़िला के गिरिपार इलाक़े के साथ-साथ चौपाल को भी जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने की है।

उपस्थित लोगों ने बताया कि अगर उनकी माँग को लेकर सरकार गंभीरता के साथ आवश्यक कदम नहीं उठाएँगी तो स्थानीय भाजपा विधायक सहित वर्तमान सांसद को भी उनकी ख़िलाफ़त का सामना करना पड़ेगा।

ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा के चुनाव में चौपाल विधानसभा के लोगों ने सांसद को 27 हज़ार वोटों की लीड देकर रिकोर्ड बनाया है। ऐसे में अब चौपाल विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों के हितों की रक्षा करना विधानसभा और लोकसभा में भेजे गए माननीयों का कर्तव्य है।

लोगों का कहना है कि पहले से ही जनजातीय दर्जा प्राप्त उत्तराखंड के जौनसार बाबर और प्रस्तावित जनजातीय क्षेत्र गिरिपार तथा चौपाल विधानसभा के पुराने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थियाँ और जनजीवन सौ फीसदी एक जैसा है।

जब गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिया जा रहा है तो इस क्षेत्र की अनदेखी क्यों की जा रही है। चौपाल विधानसभा क्षेत्र के पुराने क्षेत्रों के लोगों का खानपान, पहरावा, रीतिरिवाज, मेले, त्यौहार और अन्य समारोह एक जैसे हैं। यही नहीं इन क्षेत्रों का आपस में रोटी-बेटी का रिश्ता भी है।

इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपमंडल चौपाल और कुपवी के सभी क्षेत्रों को गिरिपार के साथ ही जनजातीय दर्जा प्रदान किया जाए। हाटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरी सिंह पचनाईक ने कहा कि उपमंडल चौपाल और कुपवी क्षत्र के लोग ही असली हाटी है जो पुराने समय में सैंकड़ों मील दूर चूहड़पुर (अब विकासनगर), यमुनानगर, दिल्ली आदि बड़े हाटों (बाजारों) में खरीददारी के लिए जाते थे तथा इसीलिए इन्हें हाटी कहा जाता था।

लिहाजा जनजातीय दर्जा पर भी हाटी समुदाय के लोगों का जायज हक़ बनता है। महा खुम्बली में शामिल फील्डरों, नम्बरदारों, दर्जनों पंचायत प्रतिनिधियों और हजारों लोगों ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी है कि उनकी मांग को पूरा ना किया गया तो खिलाफत के लिए तैयार रहें।

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