शिमला। चंदरताल में फंसे 300 लोगों के लिए किए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन 12 किलोमीटर रोड़ बहाल किया गया है। अभी कुल 25 किलोमीटर और दूरी चंदरताल टैंट कैंप तक शेष बची है। एडीसी राहुल जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि भारी बर्फबारी के कारण तीन से चार फीट की बर्फ कुंजम पास से चंदरताल की ओर है।
इसी के साथ शाम होते ही तापमान में भारी गिरावट आ रही है। माइनस 5 से अधिक तापमान जा रहा है।
एडीसी राहुल जैन ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन स्पीति प्रशासन की ओर से छह सदस्यीय मैसेंजर टीम कुंजुम दर्रे से चंदरताल टेंट कैंप के लिए दोपहर ढाई बजे भेजी गई जोकि शाम 6.45 बजे पहुंच गए थे।
इस मैसेंजर टीम में पांगमो गांव से गायलसन और तेंजिन नामका, हल गांव से नामग्याल और छेरिंग, लोसर गांव जेई टशी केशग और केषांग पलजोर शामिल है। इनके पास सैटेलाइट फोन भी दिया गया है। चंदरताल में सभी लोग सुरक्षित है। दूसरे दिन रात को 10 बजे तक सड़क खोलने का कार्य किया गया है।
भारी बर्फबारी के कारण पैदल भी फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल भरा है। ऑपरेशन के तीसरे दिन प्रातः साढ़े पांच बजे से सड़क खोलने का कार्य शुरू कर दिया है। काजा से समुदो मार्ग अभी बहाल नहीं हो पाया है। मार्ग बहाल करने का कार्य तीव्र गति से चला हुआ है।
एडीसी राहुल जैन ने बताया हमें आशंका है कि बातल में कुछ लोग फंसे हो सकते है इसलिए स्थानीय युवकों की टीम बातल में रेकी करने के लिए आज सुबह भेजी गई है। हमारा लक्ष्य है कि आज chandertal तक पहुंचने का है ताकि लोग रेस्क्यू आज ही खोला जाए।
रेस्क्यू ऑपरेशन में यह हैं शामिल
एसडीएम हर्ष नेगी, तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, एसएचओ संजय कुमार, टीएसी सदस्य वीर भगत, लोसर महिला मंडल भोजन व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए है। इसके साथ ही आईटीबीपी, बीआरओ, स्थानीय लोगों में छेवाँग लिदांग गांव से, गोंपो क्यूलिग गांव से अमित मंडाला आदि शामिल हैं।