नेरवा, नोविता सूद। अप्पर शिमला में सेब और टमाटर सीजन के दौरान यदि चालकों द्वारा सावधानिया बरती जाए तो इस दौरान आये दिन होने वाले सड़क हादसों पर रोक लग सकती है ।
ऐसा देखा गया है कि सेब और टमाटर सीजन के दौरान हादसों का ग्राम एकदम से बढ़ जाता है तथा इन हादसों के लिए अकसर खराब सड़कों को जिम्मेदार ठहराया जाता है । ऐसा भी नहीं है कि सभी हादसों के लिए खराब सड़के ही जिम्मेदार हों ।
कई बार चालकों द्वारा की गई कुछ छोटी मोटी गलतियां और लापरवाही भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है । कुछ लोग अपने वाहनों में चालक रखते समय इस बात की जांच करना भूल जाते है कि उसमे पहाड़ी सड़कों पर लोड वाहन चलाने की क्षमता भी है या नहीं ।
इसके आलावा चालकों में सेब और टमाटर सीजन के दौरान सब्जी मंडियों के ज्यादा से ज्यादा चक्कर लगा कर अधिक भाड़ा कमाने की होड़ लग जाती है । इसके लिए वह बिना कोई आराम किये दिन रात वाहन दौड़ाते रहते हैं तथा ऐसे में कई बार इन चालकों को आने वाली नींद की झपकी बहुत बड़े हादसे का कारण बन जाती है ।
सीजन के दौरान कई किसान बागवान अपने उत्पादों के साथ इन्हीं वाहनों में सफर करते हैं तथा कुछ लोग रास्ते में शराब आदि का नशा कर चालकों को भी यह नशा करवा देते है । नशा किये हुए यह चालक भी कई बार अपनी और साथ में सवार लोगों की जिंदगियों को खतरे में डाल देते है ।
लोगों द्वारा बेसहारा छोड़े गए पालतू जानवर भी कई बार हादसे का कारण बनते देखे गए हैं। सड़कों पर घूम रहे इन पशुओं को बचाने के चक्कर में कई बार चालक अपने वाहन को दुर्घटनाग्रस्त कर बैठते है।
प्रशासन द्वारा हादसों से बचने के लिए सेब सीजन के दौरान समय समय पर बाकायदा एडवाइज़री जारी की जाती है तथा पुलिस भी नाकेबंदी कर नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर बराबर शिकंजा कसती रहती है, इसके बावजूद कई चालक इंसानी जिंदगियों से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते ।
बहरहाल यदि चालक खराब सड़कों को दोष देने के बजाय कुछ सावधानियां बरतें तो निश्चित रूप से हादसों पर कुछ हद तक विराम लग सकता है ।