हमीरपुर। केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में आकर आक्सीजन की कमी से देश में कोई मौत न होने के कारण बयान पर मचे बवाल पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सवाल पूछा है कि अगर आक्सीजन की कमी नहीं थी तो महामारी की पहली लहर में 3,095 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग थी, तो दूसरी लहर में यही मांग 9,000 मीट्रिक टन कैसे बढ़ गई।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया अब कह रहे हैं कि ये आंकड़ा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है तो जासूसी करवाने में महारत केंद्र सरकार बताए कि लोगों की जान से जुड़े इस बड़े मामले पर जानकारी क्यों नहीं ले पाए।
जारी प्रैस विज्ञप्ति में विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसी सरकार सत्तासीन हुई है जोकि खुद ही पर्दा उठाते हुए जनता के बीच बता रहे हैं कि सफेद झूठ बोलने में उनका कोई सानी नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी है। देश के राज्यों में आक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को अंतरर्राष्ट्रीय स्तर तक सुर्खियां मिली, लेकिन सरकार को वो भी नजर नहीं आया।
उन्होंने कहा कि गप्पों व मन की बात से जनता को बहलाने वाली केंद्र सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए कभी संजीदा नहीं थी। अगर सरकार में मानवीय संवेदना होती तो देश के इतने बुरे हालात नहीं होते। न अर्थव्यवस्था तबाह होती और न ही महंगाई व बेरोजगारी का इतना बदतर दौर देखने को मिलता।
उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र में रही पूर्व सरकारों ने बुरे हालातों में भी देश की जनता को कभी नहीं सताया, लेकिन वर्तमान सरकार ने छल-बल की राजनीती ही खेली है।
पहले केंद्र में कमाऊ पूत बनकर सरकारें लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास रखती थी और अब ऐसी सरकार आई है, जो देश लुटाऊ होने के साथ लोकतंत्र का गला घोंटने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार जनता के बीच विश्वास खो चुकी है तथा राष्ट्रधर्म निभाने में भी असफल रही व देश की जनता को गुमराह करने वाली ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार भी नहीं है।