सीबीआई से हो पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच : राणा

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हमीरपुर। पुलिस भर्ती कांड के तार मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े होने की चर्चाओं ने प्रदेश बीजेपी का दामन एक बार फिर दागदार किया है। यह बात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा ने हमीरपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कही।

राणा ने कहा कि बेरोजगारों के हितों से लगातार खिलवाड़ करते हुए पूरे चार सालों तक बीजेपी सरकार की कारगुजारी बता रही है कि बीजेपी न तो बेरोजगारी खत्म करने की पक्षधर है और न ही रोजगार देने की पक्षधर है।

राणा ने कहा कि पुलिस भर्ती पेपर लीक का मामला सीबीआई जांच का मामला बनता है। अगर सच में ही सरकार का दामन दागदार नहीं है तो इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।

राणा ने कहा कि प्रदेश के 76 हजार बेरोजगारों ने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी लेकिन सरकार की नाकामी के कारण यह तबका अब हताश व निराश हो रहा है। राणा ने कहा कि भर्ती मामलों में लगातार 4 वर्षों में सरकार की नीयत व नीति का जनाजा निकला है।

बेरोजगारी के दबाव में हिमाचल के लाखों परिवार बच्चों की पढ़ाई, दवाई व लिखाई का खर्चा उठाते हुए कर्जदार हो चुके हैं। लेकिन सरकार को न महंगाई की चिंता है, न बेरोजगारी की चिंता है।

राणा ने कहा कि पुलिस भर्ती मामले पर सरकार अपनी स्थिति व स्टैंड क्लीयर करे ताकि बेरोजगारों को न्याय मिल सके। राणा ने कहा कि बीजेपी कार्यकाल में हुई तमाम भर्तियां विवादों की भेंट चढ़ी हैं। कहीं पेपर लीक तो कहीं चेहतों को चोर दरवाजे से नौकरियां देने के आरोप लगे हैं।

राणा ने कहा कि प्रदेश के युवा वर्ग का भरोसा बीजेपी सरकार व सिस्टम से पूरी तरह उठ चुका है। सरकार की कारगुजारी के खिलाफ बेरोजगारों के दिलों में सुलगी चिंगारी अब ज्वाला बनकर धधकने लगी है। क्योंकि पिछले चार सालों में भर्तियों के नाम पर लगातार प्रदेश के युवाओं को छला व ठगा गया है।

राणा ने कहा कि हद तो यह है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों की मंडली के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय इस मामले में आरोपों के जद में है। जिसको लेकर इस मामले में सीबीआई की मांग न केवल तर्कसंगत है बल्कि न्यायसंगत भी है।

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