बृहस्पति अगले 118 दिनों के लिए चलेंगे वक्री चाल

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शिमला। देवगुरु बृहस्पति अगले 118 दिनों के लिए वक्री चाल चलेंगे। देव गुरु के वक्री होने का क्या रहेगा आपके जीवन में प्रभाव और किससे व कैसे रहना होगा सावधान बता रहे हैं जाने माने अंक ज्योतिषी व वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा।

उन्होंने कहा कि 4 सितंबर को रात्रि 7:40 बजे से देव गुरु बृहस्पति 118 दिनों के लिए 31 दिसंबर की सुबह 8:12 बजे तक वक्री रहेगा। 4 अंक राहु से शुरू व 31 दिसंबर राहु पर ही मार्गी होगा। 4 अंक जो राहु का अंक है। राहु एक विचलित करने वाला ग्रह है।

वाणी का कारक, मानसिक शांति को खराब करने वाला व शमशान का कारक है। सितंबर महीना में गुरु का वक्री होना जिसका 9 अंक है। 9 अंक जो मंगल का कारक है। मंगल अग्नि तत्व ग्रह है। जहां बैठता है आग लगा देता है।

उसी अंक को अगर राहु का साथ मिल जाए तो और परेशानियों को बढ़ा देता है। 4+9=13=1+3=4 अंक का राहु ही बनता है। 31 दिसंबर तक वक्री है उस का भी 3+1=4 अंक बनता है। जो किसी बड़े संकट के संकेत दे रहा है। आजकल शनि भी 4 नवंबर तक वक्री चल रहा है।

पंडित डोगरा ने बताया कि इस प्रकार से दो विशेष ग्रहों का वक्री होना किसी उथल पुथल का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि 118 दिनों को गुरु का वक्री होना 1+1+8=10=1+0=1 अंक हो सूर्य का अंक है। सूर्य जो सत्ता का कारक है।

राहु का प्रभाव सूर्य के अंक पर देश के कुछ प्रदेशों में सत्ता में परिवर्तन दे सकता है और सत्ता में उलटफेर करवा सकता है। अचानक ही कुछ नेताओं को पद छोड़ना पड़ेगा। राहु के प्रभाव के कारण नेताओं का वाणी पर संयम नहीं रहेगा।

देश व प्रदेश में कुछ नेता बड़े पद प्राप्त करने के लिए एक दूसरे के खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हंै। कुछ पार्टी के नेता आपस में ही उलझ कर रह जाएंगे। जिसके कारण किसी और का ही भाग्य उदय हो सकता है।

पंडित डोगरा ने कहा कि बृहस्पति के वक्री होने से देश-दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक स्थितियों में अनचाहे बदलाव हो सकते हैं।

राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन और संगठन में परिवर्तन होगा। अचानक रोग देगा। आम जनमानस में अशान्ति एवं दु:खद रहेगा। हिंसक घटना होने के भय बना रहे।

इन राशियों पर रहेगा प्रभाव

पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि मिथुन, सिंह, तुला, धनु व मीन राशि के लिए जहां शुभ व लाभप्रद रहेगा। वहीं मेष, वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर व कुंभ राशि के लिए परेशानी देगा। उपाय के लिए नारायण की पूजा करे।

देव गुरु बृहस्पति का वक्री होने पर जातक की आत्मिक, आध्यात्मिक शक्ति और विवेक भी प्रदान करते हैं। पंडित डोगरा ने बताया कि हिमाचल की कर्क राशि है जिस के लिए वक्री शनि व देव गुरु बृहस्पति हिमाचल में राजनीतिक ड्रामा करवा सकता है। नेता पद लेने से भय में रहेंगे और कुछ नेताओं का पद जाना तय है। बाकी सर्वज्ञ तो ईश्वर है।

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