भाजपा ने आपदा में नहीं दिया पैसा, विधायक खरीदने पर लगाया : मुख्यमंत्री

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जांच में कई तथ्य सामने आए, नकबपोशों के चेहरे होंगे बेनकाब

डलहौजी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा ने आपदा में हिमाचल प्रदेश को पैसा नहीं दिया, लेकिन कांग्रेस के 6 और तीन आजाद विधायकों को खरीदने में करोड़ों रुपये लगा दिए। भुज व उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल को भी विशेष राहत पैकेज मिलना चाहिए था।

भाजपा ने कितने करोड़ रुपये नौ विधायकों को दिए हैं, पुलिस जांच में इसके अनेक तथ्य सरकार के पास आए हैं। जल्दी कई नकबपोशों के चेहरे बेनकाब होंगे। मुख्यमंत्री ने डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के देवीदेहरा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री यहां कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार आनंद शर्मा के लिए वोट की अपील करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आपदा के समय पूरी भारतीय जनता पार्टी राजनीति करती रही। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के साथ ही भाजपा सांसद आपदा प्रभावितों के साथ खड़े नहीं हुए। राहत के नाम पर एक रुपया हिमाचल को नहीं दिया, जबकि 551 लोगों की मौत हुई थी और 22 हजार परिवार बेघर हुए थे।

प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर विशेष राहत पैकेज मांगा गया, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने के प्रस्ताव का हिमाचल के भाजपा विधायकों ने विधानसभा में विरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का पैकेज देकर प्रभावित परिवारों को फिर से बसाया है। भाजपा नेता जनता को यह बताएं कि विधायक खरीदने के लिए उनके पास पैसा है, लेकिन आपदा प्रभावितों को देने के लिए क्यों नहीं। जनता आपदा के समय भाजपा का असली चेहरा देख चुकी है।

हिमाचल प्रदेश की माताएं-बहनें व कर्मचारी भी भाजपा की चाल-चेहरा व चरित्र पहचान चुके हैं, चूंकि 18 साल से अधिक आयु की महिलाओं की 1500 रुपये पेंशन को रुकवाने का काम भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान किया।

बावजूद इसके लाहौल स्पीति में हर एक महिला को पेंशन मिल चुकी है। 2.37 लाख महिलाएं 1150 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन लेती थीं, अब उन्हें 1500 रुपये मिलना शुरू हो गए हैं। जिन महिलाओं की पेंशन भाजपा ने रुकवाई है, उन्हें 6 जून के बाद अप्रैल व मई के 3000 रुपये भी मिलेंगे।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना का लाभ देने का भी भाजपा विरोध करती रही। अब भी कर्मचारियों के पीछे पड़ी है और केंद्र से मिलने वाले ओपीएस के अंशदान के 9000 करोड़ रुपये को रुकवा रही है। प्रदेश सरकार पर आर्थिक प्रतिबंध लगवाने के पीछे भी भाजपा का प्रदेश नेतृत्व व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर हैं।

जयराम ने मुख्यमंत्री रहते व नेता प्रतिपक्ष के तौर पर प्रदेश हित के बजाय निजी हितों को सर्वोपरि माना है। उनके कारण ही हिमाचल को विशेष राहत पैकेज केंद्र सरकार से नहीं मिला। एनपीएस का अंशदान भी जयराम के कारण रुका हुआ है। सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन भी उनके कारण ही नहीं मिल रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा धनबल को ताकत मानती है, जनबल को नहीं। यही कारण है पैसे के दम पर जनता की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की। लेकिन, जनता जानती है कि बिकाऊ माल अधिक दिन तक नहीं चलने वाला, इसलिए जनबल, धनबल को हराएगा। कांग्रेस के पास पैसा नहीं जनता की ताकत है और हम जनबल के सहारे ही यह चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आनंद शर्मा का कांगड़ा व चंबा के विकास में काफी योगदान है। उन्होंने केंद्र में मंत्री रहते पूरे हिमाचल प्रदेश में बड़े संस्थान लाये हैं। इसलिए उन्हें चुनकर संसद भेजिये वह हिमाचल की आवाज बनेंगे और अग्निवीर योजना को बंद कराने के साथ ही विकास की नई गाथा लिखेंगे।

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