राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला, भाजपा ने मांगी जांच

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है और इस भ्रष्टाचार के मामले में भी कांग्रेस सरकार का संरक्षण झलक रहा है, यह आरोप भाजपा प्रवक्ता चेतन ब्रागटा ने सरकार पर लगाए।

चेतन ने कहा कि प्रदेश में राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। सोलन जिला के नालागढ़ पुलिस चौकी में यह मामला आया है।

इस भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी अधिकारी भी संलिप्त है और जल्द ही उनका नाम इस मामले से जुड़ सकता है और सरकारी अधिकारी तभी संरक्षण देते हैं जब सरकार का संरक्षण स्वयं होता है।

उन्होंने कहा कि नालागढ़ की एक प्रिंटिंग प्रेस में 1200 पर्चियां छापी गई। इन पर्चियों के माध्यम से शूलिनी मेले के आयोजन के लिए दुकानदारों और आम लोगों से पैसा इकट्ठा किया जाना था।

मगर सोलन जिला के नालागढ़ में एक डिपो संचालक ने प्रिंटिंग प्रेस में जाकर फर्जी पर्चियां छपवा डाली। डिपो संचालक को खाद्य पूर्ति विभाग के निरीक्षक ने एक ऑरिजनल पर्ची दी थी।

इसके आधार पर 1200 फर्जी पर्चियां छापी गई। इसमें स्कैनर और डीसी सोलन की ईमेल-आईडी भी प्रकाशित है। उन्होंने बताया कि पर्ची में प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं लिखा था इसलिए उसकी भूमिका भी संदेह में है।

फूड इन्सपैक्टर में डिपो संचालक को एक ऑरिजनल स्पिल मुहैया कराई थी। फूड इन्सपैक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है।

बता दें कि सोलन जिला के लोगों की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी के नाम से सोलन में हर साल मेला लगता है।

उन्होंने कहा कि जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है तब से भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से फैला है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, भ्रष्टाचार के मामलों में कई सरकारी अधिकारियों ने अपनी जान भी गंवा दी है।

भाजपा हिमाचल प्रदेश मांग करती है कि पूरे मामले की कड़ी से कड़ी जांच होनी चाहिए और जो भी व्यक्ति इस भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाया जाए, उस पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

सरकारी अधिकारियों पर भी एक्शन लेने से सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए, जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। पूरी जांच में तथ्यों को मिटाने का प्रयास नहीं होना चाहिए।

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