शिमला। भाजपा प्रवक्ता बलबीर वर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण बड़ी संख्या में सड़के बंद है और लोगों का बड़ी तादाद में निजी नुकसान भी हुआ है। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा बागबानो को मंडियों में सब भेजने और बेचने की दृष्टि से सरकार द्वारा काफी अड़चन डाली जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि अब मंडियों के बाहर भी सेब खरीदा जा रहा है, आप पराला मंडी की बात ही कर लें तो हिमाचल की सबसे महत्वपूर्ण मंडी के बाहर ही सेब बेचने को प्रक्रिया चल रही है।
हिमाचल सरकार के कृषि एवं बागवानी मंत्री बताएं कि मंडियों के बाहर से सेब खरीदने वाले लोग कौन हैं। इनकी लगातार शिकायतें एसडीएम और पुलिस को भी हो रही है पर उनके ऊपर कार्रवाई इतनी तेज गति से होती नहीं दिखाई दे रही है।
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि कभी आढ़ती और लदानी हड़ताल पर जा रहे हैं। आप पराला और सोलन मंडी में देख लीजिए, लगातार हड़ताल चल रही है।
बागवान बहुत परेशान हैं और कब मंडी बंद हो जाए इसके डर की वजह से सब बागवान चंडीगढ़ दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन कर रहे हैं। इसका हिमाचल प्रदेश को बहुत नुकसान हो रहा है।
कई बागवानों के पास पुरानी पेटियां भी पड़ी हैं और यह तक नौबत आ गई है कि 28 किलो सेब की कीमत 24 किलो के हिसाब से मिल रही है, इसको लेकर सरकार को एक ठोस नीति बननी चाहिए।
भाजपा का मानना यह है कि सेब प्रति किलो के हिसाब से बिकना चाहिए, इससे बागबानों को बहुत फायदा होगा।
छोटे बागवान हिमाचल प्रदेश में बहुत परेशान हैं और अब तो हद ही हो गई है, कई जगह तो सरकार बागवानों को धमकाने का कार्य कर रही है।
एचपीएमसी के खरीद केंद्र तो खुले हैं पर उनके हालात क्या हैं वो सबको पता है। बागवान उन केंद्रों में सेब नही बेच रहे हैं।
सरकार को एक ठोस नीति के साथ काम करना चाहिए। आढ़ती, लदानी, बागवान और सरकार की एक समन्वय बैठक होनी चाहिए। इससे सभी को फायदा होगा।